बाली-कोटी पंचायत में भ्रष्टाचार मामले पर ग्रामीण हुए लाल ,जांच टीम से भी नाखुश

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सिरमौर न्यूज़ -शिलाई

शिलाई उपमंडल की ग्राम पंचायत बाली-कोटी में मनरेगा व अन्य मदो द्वारा निर्मित विकास योजनाओं में सरकारी धन के भारी दुरुपयोग व भ्र्ष्टाचार को लेकर प्रशासन द्वारा गठित जांच टीम से ग्रामीण खुश नहीं है। शुपी देवी ,दीपक,खजान सिंह,विनोद कुमार,वृजेश,धर्म सिंह,पंच राम इंद्र सिंह,प्रदीप सिंह ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन से जिला स्तरीय जांच दल गठित करने व पंचायत में आडिट टीम भेजने की मांग की गई थी। आडिट टीम तो नाहन से पहुंच गई लेकिन विकास योजनाओं की जांच के लिए नाहन से जांच टीम का गठन न करके शिलाई विकास खण्ड अधिकारी कार्यालय कर्मचारियो की तीन सदस्यीय जांच टीम भेजी गई। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कल पहुंची जांच टीम ने केवल शिकायतकर्ता के व्यान कलमबद्ध किए और लोगो पर समझौता करने का दबाव बनाते रहे जिसके कारण पंचायत के लोग सन्तुष्ट नही है।


लोगो का आरोप है की ऐसे अधिकारी को जांच पर लगाया जिनसे ठीक ढंग से शिकायत पत्र पड़ना भी नही आ रहा है। यह भी आरोप है की पंचायत प्रधान सत्ताधारी पार्टी के होने से मामले को जबरन दबाया जा रहा है जिसके चलते अब प्रशासन से उम्मीद नही रही। अब ग्रामीण शिमला हाईकोर्ट में प्रशासन और सरकार के विरुद्ध याचिका दायर करेंगे। ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत ने सरकारी स्कूल में कार्यरत एक अध्यापक का जॉब कार्ड बनाया और मनरेगा से इसके बैंक खाते में 21 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए तथा दो दर्जन से अधिक बोगस योजनाओ से सरकार को लाखों का चूना लगाया है। कई लोगो को सरकार द्वारा स्वीकृत शौचालयो के निर्माण की राशि किन्ही अन्यो के बैंक खातों में भेजकर हड़प कर डाली।