लॉकडाऊन के चलते देश भर में प्रभावित हजारों परिवारों को लंगर एवं राशन बाँटने में संत निरंकारी मिशन अग्रसर

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पवन तोमर – राजगढ़

संत निरंकारी मिशन ने हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहतकोष में प्रत्येक को 50-50 लाख रुपये के साथ-साथ प्रधानमंत्री राहत कोष में पांच करोड़ रुपये का योगदान दिया है। जिसके लिए सभी संबंधित मुख्यमंत्रियों और देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट के माध्यम से मिशन के इन योगदानों की सराहना और प्रशंसा की है।

संत निरंकारी मिशन के प्रबंधक एवं सेवादार संत देश भर के लाखों लाखों भाइयों और बहनों तक पहुचे जो कोरोनो वायरस के वैश्विक प्रसार के कारण एवम देश में पूर्ण लॉकडाउन से प्रभावित हुए है। 24 मार्च 2020 को जैसे ही भारत के प्रधान मंत्री ने देश भर में तालाबंदी की घोषणा की, संत निरंकारी मंडल को एहसास हुआ कि जरूरतमन्दों एवं उनके परिवारों के लिए जीवनावश्यक खाद्य पदार्थों की जरूरत होगी। अतः संत निरंकारी मंडल ने जरूरतमंद परिवारों को भोजन एवं राशन प्रदान करने के लिए पूरे भारतवर्ष में स्थापित मिशन के सभी 95 जोनों पर और 3000 से अधिक शाखाओं को खाद्य सामग्री एवम भोजन वितरण की सेवा का संदेश भेजा। उस दिन से, निरंकारी मिशन के भक्त और संत निरंकारी सेवादल के स्वयंसेवक रोजाना लाखों लोगों को सूखा राशन और लंगर प्रदान कर रहे हैं। एक संगठन के रूप में, हर दिन लगभग 100000 लोगों को ताजा तैयार किया हुआ लंगर बाँटा जा रहा है। भारत के प्रमुख और यहां तक कि छोटे शहरों में भी निरंकारी मिशन की शाखाएं किसी न किसी तरह से योगदान दे रही हैं। कुछ चाय और बिस्किट वितरित कर रही हैं तो कुछ लंगर तैयार कर रही हैं द्य कुछ सूखे राशन की पेशकश कर रही हैं। कई शाखाएँ अपने-अपने क्षेत्रों में पुलिस और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं प्रशासनिक सेवाओं में लगे कर्मचारियों सहित जरूरतमन्दों के लिए भोजन, जलपान और चाय की सेवा कर रही हैं। मिशन की देश भर में फैली शाखाओं ने जरूरतमंद परिवारों को लगभग 100000 पैकेट सूखा राशन वितरित किया है। जबलपुर शाखा ने शहर के कलेक्टर को 4200 मास्क तैयार किए और सौंपे।

संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा भी कई योगदान दिए जा रहे हैं। मिशन की यह सामाजिक कल्याण शाखा एक हेल्पलाइन के माध्यम से नागरिकों को चिकित्सा सलाह और सहायता प्रदान कर रही है, जिसमें मेदांता अस्पताल, गुरुग्राम सहित अन्य अस्पतालों के मेडिकोज के साथ मिशन के विभिन्न डॉक्टरों द्वारा भाग लिया जा रहा है। संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन ने दिल्ली सरकार को 10000 पीपीई किट भी दिए हैं। डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए। फाउंडेशन ने प्रवासी श्रमिकों को राशन आदि प्रदान करने का काम किया है। संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों को कोरेंटिन केंद्र के रूप में रखा गया है। ग्लोबल मेडिकल इमरजेंसी के इस पल में रक्तदान करने के लिए भी फाउंडेशन आगे आया है ।
संत निरंकारी मिशन ने अपने सत्संग भवनों को भी राज्य या केंद्र सरकार द्वारा जरूरत पड़ने पर कोरेंटिन केंद्रों के रूप में उपलब्ध कराने की पेशकश की है। यमुना नगर भवन का उपयोग पहले से ही कोरेंटिन केंद्र के रूप में किया जा रहा है।

संत निरंकारी मिशन द्वारा की जा रही सेवाओ एवम योगदान की सराहना समाज के अनेकोनेक वर्गों द्वारा की जा रही है, जिनमें आम आदमी, विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठन, पुलिस विभाग, स्थानीय प्रशासनिक प्रतिनिधि, राज्य सरकारें एवं केंद्र सरकार शामिल हैं।
संत निरंकारी मिशन आध्यात्मिक जागरुकता के अपने मूल विचारधारा के साथ पिछले 90 वर्षों से समाज के सामाजिक उत्थान, राहत और पुनर्वास में योगदान दे रहा है। मिशन के पिछले गुरुओं के भांति इस प्रेम भाईचारे वाले मिशन को वर्तमान सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज भी मिशन को आगे लेकर जा रहे हैं। सद्गुरु माता जी ने भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए कहा है कि हमें सेवा करते समय स्वास्थ्य एजेंसियों और सरकारी निर्देशों का बारीकियों से पालन करना है। सोशल डिस्टेंस रखते हुए मुंह पर मास्क हाथो में ग्लोव्ज पहन कर सेनिटाइजर का इस्तेमाल करते हुए सेवाएं निभानी हैं।
सद्गुरु माता जी का कहना है कि इस संसार मे रहने वाले बहन-भाई सब अपने हैं और उनकी सेवा करना हमारा कर्तव्य है। हम किसी पर अहसान नही कर रहें हैं। मिशन देश के साथ खड़े होने की प्रतिज्ञा करता है, वर्तमान संकट को जल्द से जल्द दूर करने के लिए प्रार्थना करता है, ताकि चारों ओर खुशहाली हो।