सिरमौर न्यूज़ / शिमला
प्रदेश विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय व उमंग फाउंडेशन शिमला के संयुक्त कार्यक्रम में प्रतिभावान दिव्यांगों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि दिव्यांगों को सहानुभूति नहीं बल्कि अवसर देने की आवश्यकता है। उनके पास अलग प्रकार की प्रतिभा है। उसे उबारने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि संबोधित करते हुए राज्यपाल ने दिव्यांग विद्यार्थियों को हास्टल फीस माफ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन भी समाज का अहम हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिव्यांगों के लिए कंप्यूटर, लैपटाप व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाकर यह पहल की है। राज्यपाल ने उमंग फाउंडेशन के इस दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। राज्यपाल ने आवाहन किया कि उमंग से प्रेरणा लेकर अन्य सामाजिक संगठनों को आगे आना चाहिए। विश्वविद्यालय सभागार में रैंप निर्मित करने के भी निर्देश दिए। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सिकंदर कुमार, यूजीसी सदस्य प्रो. नागेश ठाकुर, उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम के दौरान अकादमिक उत्कृष्टता के लिए डा. दाताराम, एचपीयू के प्रथम दृष्टिबाधित पीएचडी एवं सेवानिवृत्त कालेज प्रोफेसर, डा. लोकेश चंदेल, विधि विभाग के प्रोफेसर, विश्वविद्यालय के दिव्यांग पीएचडी छात्र मुकेश कुमार-शिक्षा विभाग, लेखराज-इतिहास, मुस्कान एवं श्वेता शर्मा- संगीत विभाग, प्रतिभा ठाकुर एवं सतीश ठाकुर-राजनीति विज्ञान, इतिका-लोक प्रशासन, सवीना जहां, अंजू-ङ्क्षहदी, अंजना देवी-वनस्पति विज्ञान विभाग, पंकज शर्मा-टूरिज्म, विनोद शर्मा योगाचार्य-योग विभाग, विमल कुमार जाटव-पत्रकारिता विभाग, अजय कुमार एवं राजपाल- इतिहास, मीनू चंदेल- कंप्यूटर साइंस, अनु – संस्कृत, हेम ङ्क्षसह – कामर्स संकाय में सम्मानित किया गया।