दायर की जाएगी पुनर्विचार याचिका..कैबिनेट बैठक में हुई चर्चा, राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को बनाया जाएगा आधार..
सिरमौर न्यूज़ / शिमला
मंत्रिमंडल बैठक के दौरान प्रदेश हाईकोर्ट से JBT मामले पर आए फैसले की तरह राजस्थान हाईकोर्ट से आए विपरीत फैसलेपर मंथन हुआ।
सरकार को बताया गया कि इसी तरह के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएड डिग्री धारकों को पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए पात्र नहीं माना है। हिमाचल प्रदेश सरकार JBT-डीएलएड प्रशिक्षुओं के पक्ष में है।
सरकार का मानना है कि JBT ही प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने के लिए उपयुक्त हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस मामले को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को विशेष तौर पर इस मामले से अवगत करवाने के लिए बुलाया गया। सरकार ने शिक्षा सचिव को हाईकोर्ट से आए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने या हाईकोर्ट में ही पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला लेने का अधिकार दे दिया है।
बैठक के दौरान प्रदेश हाईकोर्ट से JBT मामले पर आए फैसले की तरह राजस्थान हाईकोर्ट से आए विपरीत फैसले पर मंथन हुआ।
सरकार को बताया गया कि इसी तरह के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएड डिग्री धारकों को पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए पात्र नहीं माना है। जबकि प्रदेश हाईकोर्ट ने JBT भर्ती के लिए बीएड वालों को भी पात्र बना दिया है।
मामले पर चर्चा करने के बाद राजस्थान हाईकोर्ट की जजमेंट मिलने के बाद आगामी फैसला लेने को कहा गया। कैबिनेट बैठक में बताया गया कि फैसले को लेकर राजस्थान शिक्षा विभाग से जानकारी मांगी गई है। फैसले की कॉपी का अभी इंतजार है।
सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट में सहमति बनी है कि अगर राजस्थान हाईकोर्ट और हिमाचल के JBT मामले में समानता मिली तो पुनर्विचार याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती याचिका भी दायर की जा सकती है। शहरी एवं विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि सरकार JBT-डीएलएड प्रशिक्षुओं के पक्ष में रही है। एनसीटीई एडवाइजरी बॉडी है। भर्ती सरकार के आरएंडपी से होगी।
मल्टी टास्क वर्कर भर्ती में देरी से कैबिनेट नाराज..
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में रखे जाने वाले आठ हजार मल्टी टास्क वर्करों की भर्ती में हो रही देरी को लेकर कैबिनेट ने नाराजगी जताई है। कैबिनेट ने शिक्षा विभाग को नियम 18 के तहत भर्ती को जल्द शुरू करने को कहा है। बैठक के दौरान प्रारंभिक शिक्षा निदेशक से भर्ती प्रक्रिया को लेकर जानकारी ली गई।
मल्टी टास्क वर्करों की चार हजार भर्तियां करुणामूलक आधार पर मुख्यमंत्री की संस्तुति के बाद होंगी। सरकार ने इन भर्तियों को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी हुए पत्रों पर अभी तक कार्यवाही न होने पर नाराजगी जताई।
शिक्षा विभाग को नियम 18 के तहत भर्ती के लिए सभी योग्यताएं पूरी करने वालों को नौकरी देने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद शेष चार हजार पदों के लिए आवेदन आधार पर भर्ती होगी।