हिमाचल निर्माता के सपनो पर भारी पड़ रही अधिकारीयों व् सरकार की अनदेखी

Himachal Pradesh

सिरमौर न्यूज़ – राजगढ़
हिमाचल निर्मात व् प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ यशवंत सिंह परमार द्वारा किसानो के लिए देखे गए सपनो को विभागीय अधिकारी व् प्रदेश सरकारें पूरा नहीं होने दे रहे है। सिरमौर के किसानो की शुषहाली के लिए डॉ वाई.एस. परमार द्वारा जो सपने देखे गए थे वो आज भी अधूरे है।
हिमाचल निर्माता डॉ यशवंत सिंह परमार ने किसानो को प्रगति की राह पर ले लाने के लिए बागवानी की तरफ विशेष ध्यान दिया। क्लाइमेट के हिसाब से प्रदेश भर के अलग अलग जिलों में विभिन्न प्रकार के उद्यान-बाग़ स्थापित किये गए जिसे आज के समय में उद्यान विभाग देख रहा है। मुख्यमंत्री डॉ यशवंत सिंह परमार द्वारा बागवानी की तरफ विशेष ध्यान दिया गया। जिला सिरमौर में भी कई जगह उद्यान-बाग़ स्थापित किये गए। इसे साथ फ़ूड प्रोसेसिंग प्लांट भी लगाए गए। किसानो के ठहराव के लिए किसान भवन बनाये गए। लेकिन आज ये सभी संस्थान अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे है , विधानसभा क्षेत्र पच्छाद के राजगढ़ में बनाया गया फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट आज खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। यहाँ केनिंग यूनिट की मशीने जंग खा रही है , कई महीनो से boiler खराब है जिसके चलते फ़ूड फरोसेसिंग का कार्य रुका हुआ है। इस सरकारी संसथान में दिन प्रतिदिन कर्मचारियों की संख्या घटती जा रही है।


राजगढ़ क्षेत्र को पीच वेली के नाम से जाना जाता है , यहाँ का आडू फल एशिया में प्रसिद्ध था लेकिन आज अधिकतर स्थानीय किसानो ने आडू के बगीचे लगाने बंद कर दिए है क्यों की किसानो को कई दशकों से इसका उचित मूल्य नहीं मिल पाया। इतना ही नहीं लगभर हर विधानसभा क्षेत्र में किसानो के लिए किसान भवनों का निर्माण करवाया गया था ताकि दूर दराज के क्षेत्र से पहुँचाने वाले किसानो को रुकने के लिए अच्छी जगह मिल पाए लेकिन जिला प्रशासन की बेरुखी और लापरवाही के चलते अधिकतर किसानभवन खँडहर बन गए है और जो बचे है उन्हें अन्य विभागों को रेंट आउट किया गया है। यदि हम यह कहे की डॉ परमार ने जो सपने किसानो की बेहतरी के लिए देखे थे वो पूरे नहीं हो पाए और इसके जिम्मेवार अधिकारी , जिला प्रशासन और प्रदेश की सरकारें रही है तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।