पांवटा साहिब में प्रस्तावित एनएच फोर लेन को लेकर टूटेगा अतिक्रमण – वीके अग्रवाल

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सिरमौर न्यूज़ / पांवटा साहिब

पांवटा साहिब में बातापुल से लेकर गोविंदघाट बेरियर तक प्रस्तावित फोर लेन में किसी की निजी भूमि को अधिग्रहित नहीं किया जा रहा है बल्कि विभाग के पास अपनी जमीन उपलब्ध है। फोर लेन की जद में सिर्फ अवैध निर्माण आ रहा है जिसे तोड़ा जा रहा है जिसका किसी को मुआवजा मिलने की संभावनाएं ही नहीं बनती। इस बात का खुलासा सिरमौर न्यूज़ के साथ ख़ास बातचीत में एनएच अथॉरिटी के अधिशाषी अभियंता वीके अग्रवाल ने किया है।
एनएच फोर लेन को लेकर स्थानीय लोगो में असमंजस की स्थिति को एनएच अथॉरिटी के अधिशाषी अभियंता वीके अग्रवाल ने दूर कर दिया है।
उन्होंने बताया की पांवटा साहिब में बातापुल से लेकर गोविंदघाट बेरियर तक प्रस्तावित फोर लेन का काम होना है जिसका टेंडर आगामी 13 फ़रवरी को खुलने जा रहा है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद जल्द ही इस कार्य को शुरू किया जाएगा और एक वर्ष के भीतर काम पूरा किया जाएगा।
बताते चलें की फोर लेन को लेकर स्थानीय लोगो व् व्यापारियों में इस बात को लेकर भय था की उनकी जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा और उनकी दुकाने व् मकान फोर लेन की भेंट चढेगे। लेकिन इस पूरी स्थिति को लेकर अधिशाषी अभियंता वीके अग्रवाल ने बताया की किसी की जमीन को एक्वायर नहीं किया जा रहा है जितना क्षेत्र चिन्हित किया गया है वह विभाग की जमीन है जिसपर अवैध निर्माण लोगो द्वारा किया गया है। कई बात सम्बंधित लोगो को नोटिस भी जारी किये जा चुके है लेकिन विभाग की जमीन पर से अतिक्रमण नहीं हटाया गया। अब फोर लेन निर्माण कार्य शुरू होने के साथ विभाग अतिक्रमण हटाने का कार्य शुरू करेगा जिसके लिए जनता से भी सहयोग की अपील की गई है।

व्यापारियों व् सामाजिक संगठनों ने दी थी संघर्ष करने की चेतावनी

पांवटा व्यापार मंडल सहित कुछ सामाजिक संगठनों ने फोर लेन की बजाय बाई पास का विकल्प तलाशने की बात को जोरो से उठाया था , साथ ही इसके लिए संघर्ष करने की चेतावनी भी दी थी लेकिन अब स्थिति स्पष्ट हो गई है की लोगो ने विभाग की जमीन पर अतिक्रमण किया है , एनएच अथॉरिटी ने दो तरह के निशान जगह जगह लगाए है पहला निशान वह है जहाँ तक विभाग की अपनी जमीन है जिसपर अतिक्रमण किया गया है। दूसरा निशान इसके कुछ मीटर पीछे तक लगाया है जो की लोगो की मालकियत है लेकिन अगर भविष्य में विभाग को जरूतर पड़ी तो उस जमीन को एक्वायर किया जा सकता है जिसका उचित मुआवजा भी दिया जाएगा। लेकिन यह प्रक्रिया कई वर्षो के बाद बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए की जायगी।

बताया जा रहा है की इस मामले को लेकर राजनैतिक रोटियां सेकने का प्रयास किया जा रहा है जब लोगो द्वारा विभाग की जमीन पर अतिक्रमण किया
गया है तो उसके लिए संघर्ष करना व्यर्थ है और व्यापारियों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। अधिशाषी अभियंता वीके अग्रवाल ने जनता से अपील की है की वे किसी के बहकावे में न जाए अपने विवेक से काम लें।