पवन तोमर – राजगढ़
सिविल अस्पताल राजगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाएं पूर्णतया चरमरा गई है । अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के कारण रोगियों का उपचार नही हो पा रहा है जिसके चलते मरीज ओर उनके तीमारदारों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
बताते चले कि वीरवार की शाम करीब आठ बजे शमलोह गांव की 51 वर्षीय मैना देवी को बुखार व छाती दर्द होने के चलते सिविल अस्पताल राजगढ़ लाया गया । लेकिन आपातकालीन कक्ष में कोई भी चिकित्सक उप्लब्ध नही था जिसके चलते मरीज एक घंटे तक बेड पर तड़पती रही ।
इस बीच मरीज के परिजन द्वारा मुख्यमंत्री हेल्पलाईन 1100 पर शिकायत की गई तो डॉक्टर एक घंटे बाद रोगी को देखने आई । हालांकि परिजन राजेश द्वारा इससे पहले डियूटी पर तैनात नर्स से मोबाईल नंबर लेकर स्वयं डॉक्टर से बात करके रोगी को चैक करने का आग्रह किया गया था । राजेश के अनुसार डॉक्टर ने स्पष्ट शब्दों मे आने से मना कर दिया था। उसके उपरांत उन्होने मरीज की हालत देखकर मुख्यमंत्री हेल्पलाईन पर शिकायत कर दी ।
अस्पताल का सारा कार्यभार संभाल रही है एक ही महिला चिकित्सक ।
बता दें कि सिविल अस्पताल राजगढ़ में चिकित्सकों के 16 पद रिक्त पड़े हैं , अस्पताल में दन्त चिकित्सक सहित केवल चार ही डॉक्टर होते है। जिनमें से एक एक चिकित्सक कई दिनो से प्रशिक्षण पर है । एक अन्य शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अवकाश पर चले गए । जिसके चलते इस अस्पताल में केवल एक ही महिला चिकित्सक पिछले कई वर्षों से लगातार डियूटी दे रही है । यही महिला चिकित्सक दिन मे ओपीडी और रात्रि को भी रोगियों को देखती है । जबकि गत 21 जनवरी को प्रदेश सरकार द्वारा इस अस्पताल के लिए आठ डॉक्टरों को भेजने के आदेश दिए गए थे परंतु किसी भी डॉक्टर ने आज तक ज्वायन नहीं किया गया है ।
सीएमओ सिरमौर डॉ0 के.के. पराशर से जब इस बारे बात की गई तो उन्होने माना इस अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में डॉक्टर न होने के कारण काफी दिक्कत पेश आ रही है। राजगढ़ क्षेत्र के अस्पतालों में भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं है अन्यथा फिल्ड से किसी डॉक्टर की डियूटी इस अस्पताल में लगाई जा सकती थी । इस विषय मे विभाग के आला अधिकारियों को जानकारी दी जा चुकी है, उम्मीद है शीघ्र ही समस्या का समाधान हो पायेगा ।