उपायुक्त ने ब्लैक लहसुन की पहली शिपमेंट को कनाडा निर्यात के लिए दिखाई हरी झंडी
नाहन 14 जुलाई – कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) भारत द्वारा आज यहां सिरमौर जिला से काला लहसुन को कनाडा निर्यात करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। उन्होंने प्रथम स्तर पर प्रशिक्षण के तौर पर निर्यात किए जा रहे काले लहसुन की पहली शिपमेंट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर उपायुक्त ने बताया कि जिला सिरमौर में उत्पादित होने वाले पार्वती किस्म के लहसुन की फर्मेंटेशन की जाती है जिससे उसके रूप में परिवर्तन होता है। इस विधि द्वारा रूप परिवर्तित कर काला लहसुन में आम लहसुन के तुलना में 25 प्रतिशत तक औषधीय गुणों में बढ़ोतरी होती है। काला लहसुन में सफेद लहसुन की तुलना में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा दोगुनी होती है।
उन्होंने बताया कि कनाडा सहित अन्य देशों में काला लहसुन की बहुत मांग है। यह काला लहसुन उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक है, मोटापे को रोकता है, मधुमेह से लड़ता है, दिल की बीमारियों को नियंत्रित करने में सहायक है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है।
उपायुक्त सिरमौर ने लहसुन उत्पादन करने वाले किसानों से अपील करते हुए कहा है कि वह प्राकृतिक विधि से ही लहसुन का उत्पादन करें ताकि जिला सिरमौर का लहसुन विश्व पटल पर अन्य देशों के लहसुन का मुकाबला कर सके। उन्होंने बताया कि काला लहसुन निर्यात करने वाली बीएच वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की सहायता से जिला के किसान उत्पादक संगठन के सदस्यों को लहसुन की फर्मेंटेशन के लिए मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी, जिसकी सहायता से वह जिला के अन्य किसानों से लहसुन एकत्रित कर उसे काला लहसुन के रूप में परिवर्तित कर सकेंगे।
उपायुक्त ने बताया कि यदि एक हेक्टेयर तक लहसुन का उत्पादन करने वाला किसान अपने 10 से 15 प्रतिशत भूमि में उगाए गए लहसुन को ब्लैक लहसुन के रूप में निर्यात करेगा तो उसकी आमदनी में कई गुना बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि जिला सिरमौर में लगभग 4000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर लहसुन की फसल का उत्पादन किया जाता है जिससे लगभग 60,000 मीट्रिक टन फसल उत्पादित होती है।
इस अवसर पर उपनिदेशक कृषि विभाग जिला सिरमौर राजेंद्र ठाकुर ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि आने वाले समय में सिरमौर से लहसुन के अतिरिक्त प्राकृतिक रूप से उगाई जा रही दालों व अन्य फसलों को भी विदेशों में निर्यात करने के लिए चयनित किया जाएगा।
इस अवसर पर निदेशक एपीडा डाॅ तरुण बजाज ने जिला सिरमौर में प्रशासन द्वारा किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर एपीडा चंडीगढ़ के क्षेत्रीय प्रमुख सी0एस0 दुदेजा ने मुख्य अतिथि का स्वागत कर एपीडा द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।