सिरमौर न्यूज़ – पांवटा साहिब
हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार पांवटा साहिब में पत्रकारिता की आढ़ में कुछ जालसाज तत्व पनप रहे है जिन्होंने अपने स्वार्थ के लिए पत्रकारिता पेशे को ही बदनाम कर दिया है। अपने स्वार्थ के लिए चंद सिक्को के आगे बिकने वाले ऐसे असमाजिक तत्वों की न केवल पत्रकार बिरादरी में थू -थू हो रही है बल्कि समाज में भी भारी रोष व्याप्त है। हाल ही में एक 9 नम्बरी पत्तलकार ने पांवटा थाना प्रभारी पर कीचड उछालने पर कोई कसर नहीं छोड़ी, माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय की कॉपी को भी नहीं देखा और ईमानदार ,कर्मठ व् कर्तव्यनिष्ठ थाना प्रभारी अशोक चौहान की कार्यप्रणाली पर कीचड उछाल डाला। जबकि बाहरी राज्य से पांवटा पहुंचे एक आरोपी की कहानी मात्र सुनकर पांवटा पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए थे। हालांकि कुछ समय पहले डीजीपी हिमाचल ने भी उपरोक्त पत्तलकार को एक पत्रकार वार्ता के दौरान जमकर लताड़ लगाई थी। इससे पहले एक 10 नम्बरी ने भी थाना प्रभारी की नाक में दम करके रखा हुआ था।
दरसल पांवटा साहिब में अंडर मेट्रिक जालसाजो की टीम पत्रकारिता की आढ़ में किसी पर भी कीचड़ उछालने का काम कर रही है, पेसो के आगे न तो उन्हें अपने – पराय नज़र आते और न ही किसी के एहसान। चंद सिक्को के आगे नतमस्तक होकर सच्च को झूठ और झूठ को सच्च साबित करने के लिए पत्रकारिता पेशे का गलत इस्तेमाल कर रहे है। इस पूरे प्रकरण में ऐसे लोगो के कंधो का इस्तेमाल किया जाता है जो पुलिस या प्रशासनिक कार्यालयों के बाहर किसी न किसी मामले को लेकर पहुंचे होते है। पहले उनसे मामले की पूरी जानकारी हासिल की जाती है और उसके बाद उनसे उच्च अधिकारीयों को शिकायत करवाई जाती है ताकि और इसे खबर का रूप देकर वायरल किया जाता है ताकि स्थानीय अधिकारी परेशन होकर इन जालसाजों की आवभगत करें।पहले शिकायतकर्ता से ख़बरें छापने के लिए पैसे लिए जाते है उसके बाद दूसरे पक्ष के आगे पेसो की डिमांड रखी जाती है। कई लोगो इन जालसाजों की ठगी का शिकार हो चुके है।
ऐसे किया जाता है अधिकारीयों को तंग…….
जालसाजो द्वारा पहले शिकायतकर्ता के कंधे का इस्तेमाल किया जाता है उसके बाद उसे खबर का रूप देकर सम्बंधित विभाग के अधिकारीयों और नेताओं को बार बार लिंक भेजे जाते है, जबकि उच्च अधिकारी को इनकी मंशा का कोई पता ही नहीं होता , इतनी देर में जालसाज अपना टारगेट पूरा करते हुए अपनी जेब गरम कर जाते है। कई विभागों के अधिकारी तक इस तरह लूट का शिकार हो चुके है लेकिन ऐसे लोगो के खिलाफ आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यदि समय रहते ऐसे लोगो पर अंकुश नहीं लगाया गया तो वो दिन दूर नहीं जब अन्य पत्रकारों को लोगो के रोष और विरोध का सामना करना पड़ेगा।