सिरमौर न्यूज़ – शिलाई
शिलाई और रोनहाट क्षेत्र में रोज़ाना निर्माण सामग्री के लिए नई-नई जगह पर अवेध खनन को अंजाम दिया जाता है। अनेको जगह खनन के बाद पूरी पहाड़ियाँ ही सड़क पर गिरकर आ गई है। यातायात प्रभावित होने के साथ-साथ सड़कों को भी भारी क्षति पहुँची है। रोनहाट के समीप गुमराह में अवेध खनन के चलते हुआ भूस्खलन भी इसी का एक ताज़ा उदाहरण है। हरे भरे पहाड़ों को पीले पंजे से ज़मींदोज़ किया जा रहा है तो नदियों के किनारे भी खनन करके नदियों के जलस्तर को नुक़सान पहुँचाया जा रहा है। आपको बता दे की नदियों के किनारे से रेत और बजरी को हटाने से नदी का पानी भूमिगत हो जाता है क्यूँकि रेत ही पानी के बहाव को ज़मीन के अंदर जाने से रोकता है। पहाड़ों की हरियाली और नदी का पानी छिनने के साथ-साथ सरकार के ख़ज़ाने में जाने वाली करोड़ों रुपए की रोयल्टी का भी नुक़सान हो रहा है। खानापूर्ति के नाम पर साल में 2-4 चालान करके वन विभाग ,पुलिस और खनन विभाग अपनी ड्यूटी पूरी करने का राग अलापता रहता है मगर सरकार को होने वाले करोड़ों रुपए के राजस्व और प्रकृति की बेशक़ीमती ख़ज़ाने को पहुँचने वाले नुक़सान को देख कर भी अनदेखा करता है।