सिरमौर न्यूज़ – पांवटा साहिब
पांवटा साहिब में खनन माफिया के हौसले बुलंदियों पर हैं यहां यमुना गिरी और बाता नदियों में दिन रात अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है , खनन माफिया न्यायालय और सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं। संबंधित विभाग के अधिकारी गूंगे बहरे बने बैठे है और खनन माफिया अवैध खनन कर चांदी कूट रहे है
अवैध खनन को रोकने के लिए न्यायालय ने बेहद सख्त निर्देश दिए हैं और सरकार ने कड़ी व्यवस्था की है मगर धरातल पर न्यायालय के आदेशों के अनुपालना नही दिखाई देती है और ना ही सरकारी निर्देश कहीं नजर आते हैं पांवटा साहिब के चारों तरफ कुछ नजर आता है तो सरकारी और न्यायालय के आदेशों को ठेंगा दिखाता खनन माफिया नजर आता है , खनन माफिया के मनमानी के कारण अवैध खनन रोकने के लिए जिम्मेदार सरकारी विभाग हैं , नदियों से अवैध रूप से उठाई जा रही खनन सामग्री क्रेशरों पर जा रही है, बरसात के दिनों में भी अवैध खनन करवा कर कुछ क्रेशर संचालकों ने अपना स्टॉक बढ़ाने में कोई कमी नही छोड़ी , आरोप है कि खनन माफिया ओर क्रेशर संचालक विभाग के साथ मिलीभगत कर चांदी कूट रहे है ।
आपको बता दें कि लगभग 3 दर्जन विभागों को अवैध खनन रोकने की शक्तियां प्रदान की गई है लेकिन बावजूद इसके कोई भी सरकारी विभाग ऊंची पहुंच रखने वाले खनन माफिया पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं उठाता लिहाजा अब विभागों पर खनन माफिया के साथ मिले होने के भी आरोप लगने लगे हैं, मानपुर देवड़ा के समीप रोजाना अवैध खनन हो रहा है यहां तक कि पुल की जड़ो से अवैध रूप से खनन सामग्री उठाई जा रही है लेकिन खनन विभाग के अधिकारी कर्मचारी हमेशा यह कह कर पल्ला झाड़ देते है कि उनके पास स्टाफ ओर संसाधनों की कमी है , खनन विभाग के अधिकारियों को जब कोई अवैध खनन की जानकारी देता है तो वो घिसा पिटा राग अलापने लग जाते है । कई बार आरोप भी लग चुके है कि इन अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से ये गोरख धंधा चला हुआ है लेकिन बावजूद इसके अधिकारी ठोस कार्रवाई करते नज़र नही आते, जब जब मीडिया ने मामला उठाया उस दौरान लोक लाज के लिए उन गरीब लोगों के चालान किये जाते है जो अपने भवन निर्माण आदि में लिए खनन सामग्री मजबूरी में उठा रहे होते है , आरोप ये भी कई बार लग चुके है कि खनन विभाग के अधिकारी मोटी मलाई चाट रहे है और खनन माफियाओं के दिशा निर्देशों के अनुसार ही काम कर रहे है ।अब देखना ये होगा कि विभागीय अधिकारी क्या कार्रवाई करते है
आपको बताते चले कि बरसात के दिनों में भी जम कर अवैध खनन चलता रहा जब कि उस दौरान नदी किनारे खनन पर पावंदी थी ।