मध्यम वर्गीय परिवार की बेटी राधा ने चमकाया सिरमौर का नाम

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घनाइक जगत सिंह- शिलाई

शिलाई उपमंडल की बाली-कोटी ग्राम पंचायत के गावँ बोबरी के मध्यम परिवार की बेटी राधा को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी दिल्ली से युवा वैज्ञानिक2020 अवार्ड से अलंकृत किये जाने से शिलाई क्षेत्र में खुशी की लहर है। राधा को युवा वैज्ञानिक अवार्ड आईएआरआई के निदेशक डॉ. ए.के सिंह,आईसीएआर के डीडी जी आर सी अग्रवाल व डीजी प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार ने प्रदान किया। इससे पूर्व राधा को यंग वूमेन साइंटिस्टअवार्ड से भी अलंकृत किया गया है।

अच्छे नहीं थे आर्थिक हालात फिर भी मां ने नहीं मानी हार

जिन बुलंदियों पर आज राधा पहुंची है वो इसका श्रेय प्रोफेसर पी.के खोसला,प्रोफेसर सुनील पूरी,व प्रोफेसर सोमिध साहा को तथा अपनी माता विद्या देवी को देती है। राधा ने बताया कि घर की आर्थिक स्तिथि ज्यादा अच्छी न होने पर पिता जी आगे पढ़ाने को मना करते रहे लेकिन मुझे पढ़ने का शौंक था लिहाजा मेने माता जी से जिद की यदि तुम भी मेरा साथ नही दोगी तो तुम अच्छी मां नही हो ओर माता जी ने मेरी भावनाओ की कद्र की. पिता जी स्वास्थ्य विभाग में सेवारत रहे चार बच्चों के पढ़ाई का खर्च व घर के खर्च में उनका वेतन पूरा हो जाता था मां ने मेरी पढ़ाई जारी रखने के लिए शिलाई में एक दुकान खोली। दुकान में कम सेल होने पर वह आइसक्रीम भी बेचती रही लेकिन मेरी पढ़ाई का खर्च पूरा उठाया जिसके परिणामस्वरूप आज वह अपने पावँ पर खड़ी है।

26 से 30 घण्टे प्रयोगशाला में शोध कर रही होती है राधा

राधा शूलिनी यूनिवर्सिटी सोलन में बाटनी की सहायक प्रोफेसर है। राधा ने बताया कि दसवीं की पढ़ाई शिलाई से,जमा दो की शिक्षा पोर्टमोर शिमला,बीएससी शिमला, एमएससी हेमवती नन्दन विश्वविद्यालय उत्तराखंड,एम.फिल पंजाब व बीएड हिमाचल यूनिवर्सिटी शिमला से की। राधा बताती है कि शोध के लिए वह किन्नौर व चूड़धार के जंगलों में कई दिन गड़रियों के साथ गुजारे वह शोध कर रही है कि आखिर घुमन्तु गड़रियों के पास कुदरत का ऐसा क्यों सा ज्ञान या जड़ी बूटियां है जो अपनी भेड़-बकरियों के साथ हजारों फुट की ऊंचाई पर सर्द रातों में डेरा जमाए रहते है वह किस ओषधि का प्रयोग करते है राधा बताती है कि जब रातभर वह 26 से 30 घण्टे प्रयोगशाला में शोध कर रही होती है तो मेरे साथ साथ घर मे मेरी माता जी भी जागती रहती है अब तक उसके 26 इंटरनेशनल रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके है