सिरमौर न्यूज/पांवटा साहिब
हिमाचल उत्तराखंड की सीमा के साथ लगते यमुना नदी को छलनी कर रहे रेत बजरी माफियाओं पर नकेल कसने के लिए पांवटा पुलिस और वन विभाग की टीम अपनी अहम भूमिका निभा रही है । गत तीनो पुलिस और वन विभाग ने खनन माफियाओं पर नकेल कसनी शुरू की जिसके बाद उस विभाग के अधिकारी भी कुंभकर्णी नींद से जाग गए जिनका यह विभाग है ।
पुलिस और वन विभाग की कार्रवाई की खबरे जब प्रकाशित और प्रसारित होने लगी तो अपनी साख बचाने के लिए खनन विभाग भी हरकत में आया और आनन फानन में इक्का दुक्का चालान काट कर वाहवाही लूटने का प्रयास किया ।
हालांकि रेत बजरी के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों के खिलाफ खनन विभाग ने शिकंजा कसने की बात कही है और इस कड़ी में 5 दिनों से माइनिंग विभाग के तीन सदस्य टीम ने कार्रवाई करते हुए 45,000 जुर्माना वसूला
हैरानी की बात तो यह है रोजाना नदी के रास्ते सैकड़ों ट्रक उत्तराखंड पहुंचाया जा रहे हैं जिसकी रॉयल्टी प्रदेश सरकार को नहीं मिल पा रही है । साल भर में कई करोड़ का चूना प्रदेश सरकार को लग रहा है, बावजूद इसके माइनिंग टीम इस तरह कोई ध्यान नहीं दे रहा है । घर के निर्माण कार्य के लिए चोरी छिपे खनन सामग्री ले जाने वाले लोग ही विभाग के सॉफ्ट टारगेट रहे है । स्थानीय लोग कई बार लिखित शिकायत कर चुके है जिसमे उन्हें अंदेशा जताया की खनन विभाग के कुछ कर्मचारी और अवैध खनन करने वालो के बीच सांठगांठ हो सकती है जिसके चलते इतने वर्षो में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है ।अब देखना ये भी होगा की क्या पुलिस और वन विभाग द्वारा की गई ठोस कार्रवाई के बाद खनन विभाग की कुंभकर्णी नींद खुली है या फिर मात्र मार्च क्लोजिंग के चक्कर में अधिकारियों को खुश करने के दिखावे के लिए दो चार चालान काटे गए है ।