सिरमौर न्यूज/पावटा साहिब
हीरपुर के समीप से अनायास गायब एक बालिका 19 फरवरी को गुम हो गयी थी जिसकी सूचना पुलिस थाना में गुमशुदगी में दर्ज हुई और पुलिस ढूढने लग पडी। हालांकि पुलिस ने ऐडी से चोटी तक का जोर बालिका को ढूढने में लगा दिया किन्तु बच्ची नही मिली। पुलिस लगातार और बार बार प्रयास करती रही किन्तु एक माह तक बच्ची का कोई सुराग तक हाथ नही लगा।
इस मामले ने उस समय जोर पकड लियाहै जब पांवटा पुलिस सोलन के शेल्टर होम तक पहूंच गयी और बच्ची का व्यान लेकर आला अफसरो को सूचित कर दिया। इस मामले मे कई सवाल खडे हो गये है।
मसलन — 19 फरवरी को गुम हुई बालिका सोलन 22 फरवरी को पहूंची तो तीन दिन बच्ची कहां और किसके पास रही।
सवाल तो यह भी है कि नाहन बस स्टैण्ड तक कैसे पहूंची। सूत्र बता रहे हैकि पांवटा में चार बजकर 15 मिनट पर सीसीटीवी में कैद हुई और देर शाम नाहन कैसे पहूंची।
यदि पुलिसकर्मी ही चाइल्ड हैल्प लाइन वालो के पास लेकर पहूंचे तो आला अधिकारियो को सूचना थी कि नही यह भी सवाल है।यदि पुलिस को मिली होती तो पुलिस अपने स्तर पर कार्यवाही कर सकती थी।
यदि पुलिस ने चाइल्ड हैल्प लाइन वालो को सोैप दी तो क्या उनके अधिकारियो ने पुलिस को सूचित किया या नही यह भी सवाल है।
और 22 फरवरी को सोलन शेल्टर होम भेजी गयी तो क्या क्या औपचारिकताऐ पूरी की गयी। फिर सिरमौर पुलिस को यह भान क्यो नही था
पता चला है कि सोलन शेल्टरहोम के संचालको ने बालिका के मिलते ही अपने वैब पोर्टल् पर सूचना प्रसारित कर दी और अपडेट कर दिया था। और पुलिस को सूचना दे दी गयी थी तो फिर एक माह तक क्यो, कहां और कैसे ढूढती रही। कही ना कही इस कहानी में झोल नजर आ रहा है।
इस मामले में यदि पुलिस का पक्ष आता है तो उसे भी विस्तृत रूप से पकाशित किया जाएगा हालांकि अभी तक चुप्पी ही नजर आ रही है। बताया जा रहा है बच्ची मिल गयी है मामला क्लोज कर दिया गया है।
देखना होगा कि पुलिस की ओर से आधिकारिक तौर पर क्या व्यान आता है।
सूत्र बता रहे है कि बच्ची की मां उसे परेशान करती थी और वह घर से भाग निकली। अपने आपको देहरादून का बताती रही जिस कारण देहरादून से भी पुलिस सम्पर्क में रही। पता चला है कि बच्ची ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि वह अपनी मां के पास रहना नही चाहती। कही बच्ची की उम्र 8 साल बताई जा रही है तो कही 12 साल यह भी चिन्तनीय है।