पांवटा साहिब में कृषि कानून के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा का प्रदर्शन

Himachal Pradesh

प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेज कृषि कानून वापस लेने की उठाई मांग

सिरमौर न्यूज़ / पांवटा साहिब

कृषि कानून के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने पांवटा साहिब में सड़क पर उतर कर जोरदार प्रदर्शन किया।

एसडीएम एलआर वर्मा के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। जिसमें कृषि कानून वापस लेने की मांग की गई हैं।

इससे पूर्व किसान विश्राम गृह में एकत्रित हुए और यहां से जुलूस निकालते हुए एसडीएम ऑफिस पहुंचे।

इस मौके पर गुरविंदर सिंह गोपी, ओम प्रकाश, भूपेंद्र सिंह, जोगा सिंह, बैत सिंह, गुरदेव सिंह, निर्मल सिंह, गुरपाल सिंह, देवेंद्र सैनी, कुशाल सिंह, मनजीत सिंह, जसपाल सिंह, सतनाम सिंह आदि ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

बता दें कि सीटू, हिमाचल किसान सभा, जनवादी महिला समिति, डीवाईएफआई, एसएफआई, दलित शोषण मुक्ति मंच ने अपनी मांगों औऱ तीन किसान विरोधी कानूनों को लेकर संघर्षरत किसानों के आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया है।

किसानों के आंदोलन के समर्थन में प्रदेशभर के मजदूरों, किसानों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े तबकों द्वारा राज्यभर में प्रदर्शन करके किसानों के साथ एकजुटता प्रकट की गई। इस दौरान हिमाचल के 11 जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किए गए।

इन संगठनों ने केंद्र और हरियाणा सरकार द्वारा किये जा रहे किसानों के बर्बर दमन की कड़ी निंदा की है।

किसानों का कहना है कि मोदी औऱ खट्टर की सरकारें किसानों को कुचलने पर आमादा हैं। जो कि बेहद निंदनीय है। इन कानूनों से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की अवधारणा को समाप्त कर दिया जाएगा। आवश्यक वस्तु अधिनियम के कानून को खत्म करने से जमाखोरी, कालाबाजारी और मुनाफाखोरी को बढ़ावा मिलेगा।

इससे बाजार में खाद्य पदार्थों की बनावटी कमी पैदा होगी और खाद्य पदार्थ महंगे हो जाएंगे। कृषि कानूनों के बदलाव से बड़े पूंजीपतियों और देशी-विदेशी कंपनियों का कृषि पर कब्जा हो जाएगा और किसानों की हालत दयनीय हो जाएगी।