सिरमौर न्यूज / पांवटा साहिब
गत नगर परिषद में भृष्टाचार का मुद्दा शहर में जोरो शोरो से चला , जिसमें भाजपा समर्थित उपाध्यक्ष पर एक वीडियो के माध्यम से सफाई कर्मचारियो से घूस लेने का वीडियो वायरल हुआ था। जिसके चलते कांग्रेसी पार्षदो ने जमकर हल्ला काटा। इतना ही नहीं कांग्रेसियो ने शहरभर मेे प्रदर्शन भी किया।
अपनी चादर में एक और दाग लगता देख भाजपा मण्डल प्रधान ने वाकायदा पत्रकार वार्ता कर उपाध्यक्ष पद से स्तीफा ले लिया था और अध्यक्षा को बलि का बकरा उनके पति की करतूतो के कारण बनना पडा था जब कि अध्यक्षा पर प्रत्यक्ष रूप से किसी भी प्रकार का आरोप नही था।
वही विधायक से 36 का आंकडा बनाकर बैठे वार्ड नम्बर 8 के कट्टर हिन्दूवादी विचार धारा के संजय सिंघल ने नगर पालिका परिषद के मीटिंग हाल में जमकर हल्ला काटा और तोडफोड भी कर डाली थी, जिस दवाब के चलते भाजपा समर्थित अध्यक्षा व् उपाध्यक्ष को इस्तीफा देना पडा।
हैरत की बात है कि अभी कुछ दिन पूर्व आरोपियो के वायस सैम्पल भी लिये गये है , ऐसा सूत्र बता रहे है किन्तु भाजपा का दागदार परिवार पर फिर से विश्वास जताना भाजपा के लिये मुश्किले खडी कर सकता है । हालांकी सरकार व प्रशासन का पूरा जोर भाजपा की सत्ता काबिज करवाने के लिये साम- दाम-दण्ड-भेद की नीति अपनाई जानी है किन्तु लोकतंत्र में जब मतदाता ही रूष्ठ हो, एन्टी इनकम्बैन्सी फैक्टर चल रहा हो, तो लोकतंत्र की ही जीत होती है। ऐसे में नगर परिषद् पांवटा साहिब के चुनाव में भाजपा के लिये डगर आसान होती दिखाई नही दे रही ।