सिरमौर न्यूज़ – पांवटा साहिब
अपनी मेहनत की कमाई और स्टाफ के हक़ के लिए आवाज़ बुलंद करने वाले डॉक्टर कर अस्पताल प्रबंधन वर्ग ने अत्याचार करना शुरू कर दिया है। अस्पताल प्रबंधन वर्ग ने बिना किसी नोटिस के डॉक्टर को नोकरी से निकाल दिया है साथ ही अस्पताल का कमरा खाली करने के लिए भी डॉक्टर पर दबाव डाला गया।
मामला पांवटा साहिब के श्री साईं हॉस्पिटल से जुड़ा है , यहाँ चिकित्सक सहित करीब आधा दर्जन स्टाफ ने अस्पताल प्रबंधन वर्ग पर सेलरी न देने व् तंग करने के आरोप लगाए थे। इस पूरे प्रकरण को लेकर डॉ. विशाल लीड कर रहे थे और अपनी मेहनत की कमाई और स्टाफ के हक़ के लिए आवाज़ बुलंद करने सबसे आगे डटे थे। मामला लेबर कोर्ट तक पहुंचा तो अस्पताल प्रबंधन वर्ग बोखला गया और आनन -फानन में डॉक्टर और स्टाफ को कसने में जुट गया।
डॉ. विशाल ने बताया की अस्पताल प्रबंधक डॉ. बेदी के द्वारा चिकित्सकों सहित सभी नर्सिंग स्टाफ की सैलरी कोरोना के दौरान दोगुनी करने का ऐलान किया था लेकिन जब सैलरी दी तो आधे महीने की सैलरी काट दी उसमें कोरोना का इंसेंटिव नहीं दिया है न ही सक्योरिटी दी। डेढ़ महीना से अधिक बीत जाने के बाद ही पिछली सेलरी दी जाती थी , ये न केवल चिकित्सकों के साथ होता है बल्कि सारे स्टाफ के साथ अस्पताल प्रबंधन करता है।
अब अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें बिना नोटिस के नौकरी से निकाल दिया है और उनपर दबाव डाला जा रहा है ताकि वे भविष्य में अस्पताल के अंदर के कारनामों को उजागर न कर सके। डॉ. विशाल ने बताया की अस्पताल प्रबंधन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ वो आवाज बुलंद करते रहेंगे और अस्पताल के अंदर जो गलत होता है उसका भी सिलसिलेवार तरीके से खुलासा करेंगे। जल्द ही कोविड और ब्लैक फंगस से जुड़े मरीज के इलाज का खुलासा भी मीडिया के सामने करेंगे।