सिरमौर न्यूज़ / शिमला
इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में शनिवार को लंगर भवन से आलमाइटी ब्लेसिंग संस्था का सामान बाहर निकालने का मामला राजनीतिक रंग ले रहा है। कांग्रेस संस्था के संस्थापक सर्वजीत सिंह बाबी के समर्थन में उतर आई है। रविवार को कांग्रेस के पदाधिकारियों ने आइजीएमसी में मरीजों के तीमारदारों के साथ मिलकर रिज मैदान पर धरना दिया। इसमें विधायक विक्रमादित्य सिंह सहित पूर्व उप महापौर हरीश जनारथा भी उपस्थित रहे।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सर्वजीत बाबी साल 2014 से आइजीएमसी में मरीजों व तीमारदारों को लंगर सेवा के जरिये भोजन उपलब्ध करवाते आए हैं। इससे पहले तीमारदारों को ढाबों में जाकर भोजन के लिए पैसे खर्च करने पड़ते थे। उन्होंने कहा कि सर्वजीत बाबी चंडीगढ़ के अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट के तहत उपचाराधीन हैं, इसके बावजूद प्रशासन ने संवेदनशीलता न दिखाते हुए उनका सामान बाहर निकाला। सरकार को चाहिए था कि इस परोपकार भरे कार्य में सहयोग दें, लेकिन इसे राजनीति की भेंट चढ़ाया जा रहा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री स्वयं इस मामले पर दोबारा विचार करें और इसका निपटारा करें।
अवैध था कब्जा
आइजीएमसी प्रशासन ने लंगर भवन में संस्था के कब्जे को अवैध बताकर इसे खाली करवाया था। वहीं, अस्पताल प्रशासन ने संस्था पर बिजली, पानी के कनेक्शन नियमों के तहत न लगाने का भी आरोप लगाया था। आइजीएमसी के एमएस डा. जनक राज ने बताया कि आइजीएमसी की संपत्ति पर अवैध कब्जा था, जिसे हटाया गया है। उनका कहना है कि अस्पताल मरीजों के लिए है और मरीजों को सुविधा मिलनी चाहिए।
जीएस बाली ने बाबी के समर्थन में दी प्रतिक्रिया
पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने भी फेसबुक पर पोस्ट डालकर इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। वह लिखते हैं ‘मुझे नहीं पता ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न हुई कि रोज बीमारी से जूझ रहे परिवारों के भोजन की व्यवस्था अपने संसाधनों से करने वाली संस्था और व्यक्ति के इस नेक व पुनीत कार्य को इस तरह से बंद करवा दिया गया। सर्वजीत बाबी की इस मुहिम का अनुसरण प्रदेश में और भी कई अस्पतालों में किया गया। यह बहुत दुखद बात है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस नेक मुहिम की हरसंभव मदद की थी। शिमला महंगा शहर है, हजारों गरीब लोग इलाज के लिए यहां पहुंचते हैं, लंगर में दो वक्त का निश्शुल्क भोजन भी उन लोगों के लिए अहमियत रखता है। सरकार बाबी की मुहिम का सम्मान करें और उन्हें उपयुक्त जगह मुहैया करवाएं, ताकि यह लंगर और उनकी यह मुहिम लोगों के काम आ सके।