ASI ज्ञान चंद पर गंभीर आरोप , मांगते है खर्चा -पानी

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सिरमौर न्यूज़ – पांवटा साहिब

कानून व्यवस्था पर विश्वास रखने वाले हमेशा इस उम्मीद से पुलिस के पास जाते है की उन्हें जल्द ही न्याय मिलेगा वो भी बिना किसी आर्थिक नुक्सान के। कानून व्यवस्था को बनाए रखने और जनसेवा के लिए पुलिस वचनवद्द है। लेकिन जब कानून के रखवाले जनता से खर्चा पानी की डिमांड करे तो आम नागरिक का कानून व्यवस्था से विश्वास उठने लगता है। एक ऐसा ही मामला सिरमौर के रोहनाट पुलिस चोकी से सामने आया है जहाँ चोकी इंचार्ज पर कार्रवाई के नाम पर खर्चा- पानी लेने का संगीन आरोप लगा है। पीड़ित ने इस मामले में पुलिस आला अधिकारी को भी शिकायत कर सूचित किया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रोहनाट पुलिस चोकी प्रभारी ज्ञान चंद पर आरोप लगे है की उन्होंने एक मामले में शिकायतकर्ता से 12 हज़ार रूपए खर्चे के नाम पर लिए जबकि इन्वेस्टिगेशन के लिए जो गाडी ली थी उसके किराये का भुक्तान भी शिकायतकर्ता से ही करवाया।
गौरतलब है की 13 दिसम्बर 2021 को नागरिक उपमंडल शिलाई के रोनहाट में 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली 2 छात्राए अचानक लापता हो गयी थी , घर नहीं पहुँचने पर परिवार वालों ने उनकी तलाश शुरू कर दी. स्कूल में पता करने पर मालूम हुआ कि दोनों छात्राएंं सोमवार को स्कूल भी नहीं गई थी. इसके बाद दोनों छात्राओं के परिवार वालों ने पुलिस में अपनी बच्चियों के अपहरण की आशंका जताते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी.

सीआईडी के उप-ईकाई शिलाई के एचएएसआई रविंद्र ठाकुर ने पांवटा साहिब के समीप से दोनों लड़कियों को बरामद कर डीएसपी के सुपुर्द कर दिया। दोनों नाबालिग छात्राओं के बयान दर्ज किए गये और पुलिस ने आगामी कार्रवाई की।

आरोप है की नाबालिग लड़कियों की खोज करने के नाम पर चोकी इंचार्ज ने पीड़ित परिवार से लड़कियों को ढूंढने के लिए खर्चे के नाम पर नगत पेसे लिए और इतना ही नहीं गाडी के किराया का भुक्तान भी शिकायतकर्ता को ही करना पड़ा जिसमे अभी 6000 रूपए का भुक्तान करना बाकी है।

“आरोपो के बारे में सिरमौर न्यूज़ ने ए.एस.आई. ज्ञान चंद से भी उनका पक्ष जाना – उन्होंने बताया कि सभी आरोप निराधार है, उन्होंने किसी से पैसे नही लिए है और छानबीन के लिए अपनी गाड़ी से ही सफर किया है “

इससे पहले भी मांग चुका है खर्चा पानी

ज्ञान चंद पर खर्चा पानी मांगने का यह कोई पहला आरोप नहीं है इससे पहले भी दिसंबर 2020 में पांवटा साहिब में शमशेरपुर में चोरी की वारदात हुई थी जिसकी जांच का जिम्मा भी ए.एस.आई. ज्ञान चंद को सोंपा गया था। उस समय भी ए.एस.आई. ज्ञान चंद ने चोरो का पीछा करने के लिए गाडी और तलाशी के दौरान होने वाले खर्चे के लिए पीड़ित परिवार से डिमांड की थी। ए.एस.आई. ज्ञान चंद का कहना था की पुलिस के पास संसाधनों की कमी है और चोरो की तलाश में उत्तरप्रदेश सहित अन्य पडोसी राज्यों में भी चक्कर लगाने पड़ सकते है जिसके लिए खर्चे की जरुरत रहेगी और आपको खर्चा करने के लिए भी तेयार रहना होगा। लेकिन पीड़ित परिवार द्वारा घूंस मांगने की इस नयी तरकीब की जानकारी तत्कालीन थाना प्रभारी संजय शर्मा को भी दे दी गयी थी। साथ ही कुछ मिडिया कर्मियों के संज्ञान में भी मामला डाल दिया गया था जिसके बाद ए.एस.आई. ज्ञान चंद चोरी के मामले में लीपापोती करते रहे। ठीक एक वर्ष बाद उनपर फिर से खर्चा पानी लेने के आरोप लगे है।

यदि पुलिस किसी भी शिकायतकर्ता या आरोपी से खर्चे पानी या पेसो की डिमांड रखे तो वो भ्रष्टाचार के दायरे में आता है और भ्रष्टाचार करने वाले को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने का प्रावधान भी है। अब देखना ये भी होगा की सिरमौर पुलिस की छवि को धूमिल करने वाले ऐसे अधिकारी पर जिला पुलिस कप्तान क्या संज्ञान लेते है।