पांवटा साहिब में नगर परिषद् सहित प्रशासन व एनएच विभाग की नाक तले अतिक्रमण बढ़ रहा है । अतिक्रमण के कारण न केवल ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही है बल्कि दुर्घटनाओं को भी न्योता दे रही है लेकिन तीनो विभागों के अधिकारी आँखे मूँद कर बैठे है।
पांवटा – शिलाई नेशनल हाइवे पर बद्रीपुर चौक के पास अतिक्रमण ने अपने पाँव पसार लिए है , वर्ष 2017 से शुरू थोड़े थोड़े अतिक्रमण ने एनएच और नगर परिषद् की जमीन को कब्ज़ा लिया है , आये दिन यहाँ कोई न कोई व्यक्ति सड़क के किनारे कब्ज़ा कर अपनी रेहड़ी व अस्थाई शेड डाल रहा है। हालाँकि भूमि नेशनल हाइवे अथॉरिटी की है लेकिन इसपर अधिकार जताकर नगर परिषद् के अधिकृत ठेकेदार रोजाना रेहड़ी व अस्थाई शेड वालों से किराया बसूल रहे है , यहाँ तक की कुछ ठिकानों के 2 -2 वर्ष तक की पर्चियां एडवांस में काटी जा चुकी है।
अतिक्रमण के कारण बद्रीपुर चौक के पास जाम की स्थिति आम बात हो गई है , क्यूंकि ट्रैफिक के लिए हमेशा खुली रहने वाली दाहिनी जहग पर रेहड़ी व अस्थाई शेड बने हुए है जिसके चलते सभी चालकों को ही कतार में खड़े होकर ग्रीन सिग्नल का इंतज़ार करना पड़ता है। रेहड़ी व शेड वालों से नगर परिषद् द्वारा किराया बसूलकर न केवल नेशनल हाइवे अथॉरिटी की भूमि पर अतिक्रमण को बढ़ावा दिया जा रहा है बल्कि इसके कारण यहाँ कभी भी बड़ा सड़क हादसा हो सकता है।
लेकिन इन सभी बातों को नजरअंदाज करते हुए नेशनल हाइवे अथॉरिटी के अधिकारी चिरनिद्रा में है। इतना ही नहीं पांवटा प्रशासन भी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है। यदि प्रशासनिक अधिकारी और सम्बंधित विभाग के अधिकारी इसी तरह बेफिक्र रह बने रहे तो भविष्य में यहाँ से अतिक्रमण हटाने को लेकर कसौली काण्ड जैसी स्थिति से निपटना पड़ सकता है।
