सिरमौर का अनूठा एवं उभरता हुआ धार्मिक पर्यटक स्थल चानपुरधार…

Himachal Pradesh Local News SIRMOUR (सिरमौर) पॉवटा साहिब

सिरमौर को यूं ही नहीं कहा जाता हिमाचल का सिरमौर बल्कि इसका इतिहास बड़ा ही रोचक ओर अनूठा है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन ओर धार्मिक स्थल के रूप में अपनी अहम पहचान रखता है और जहां विदेशों से हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता और मनमोहक वादियों में पर्यटक समय समय पर हिमाचल में आकर लुप्त उठाते है वहीं हिमाचल में आस्था के रूप में भी अनेकों धार्मिक स्थलों पर अपनी आस्था व्यक्त करते हैं। आज हम उसी धार्मिक पर्यटक स्थल के बारे में कुछ जानकारी व्यक्त करेंगे जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक स्थल के रूप में उभरता जा रहा है। वह धार्मिक पर्यटक स्थल है चानपुरधार जो कि सिरमौर के शिलाई विधानसभा क्षेत्र में आता है और कई पंचायतों के केन्द्र बिन्दु पर विराजमान है। चानपुरधार की प्राकृतिक सुंदरता और मनमोहक दृश्य अपने आप में बहुत कुछ बयां करता है। यहां पर एक शिरगुल महाराज (शिव शंकर) जी का सुन्दर मंदिर विराजमान हैं जो स्थानीय भाषा में चानपुरिया महाराज के नाम से भी विख्यात है। आज जहां चानपुरधार को सड़क मार्ग से जोड़ने पर यहां की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक स्थल के रूप में दिन प्रतिदिन उभरता जा रहा है वहीं सरकार को ऐसे सुन्दर व धार्मिक पर्यटक स्थल को ओर विकसित करने की परम आवश्यकता है ताकि आम लोगों ओर पर्यटक को हर सुविधा उपलब्ध हों सकें। चानपुरधार में हर वर्ष संक्रांति के दिन एक ऐतिहासिक मैला भी लगता है जो धार्मिक आस्था का प्रतीक माना जाता है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों ओर पंचायतों से लोग आते हैं। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से देव पालकियों लाई जाती है तथा रात्रि जागरण भी किया जाता है। इस अवसर पर रातभर देव पूजा की जाती है जहाँ लोगों की मन्नतें पूरी भी होती है ऐसी आस्था इस मन्दिर ओर स्थल की मानी जाती है। चानपुरधार सिरमौर का सबसे सुन्दर एवं शांतिप्रिय धार्मिक पर्यटक स्थल है जहां हमें आस्था और प्राकृतिक सुंदरता दोनों चीजो का अनूठा संगम देखने को मिलता है। चानपुरधार के साथ लगता हुआ आवत गांव भी अपनी सुन्दरता और मनमोहक दृश्य के लिए विख्यात है। चानपुरधार सिरमौर का ऐसा धार्मिक पर्यटक स्थल बनकर उभर रहा है जहां दूर दूर से पर्यटकों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह आस्था और प्राकृतिक सुंदरता के विकास के लिए अतिआवश्यक भी है, ताकि हम ऐसे स्थल को ओर विकसित करने के लिए सरकार ओर प्रशासन से अनुरोध करें ताकि ऐसे स्थल पर हर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो पाएं। चानपुरधार के साथ लगती पंचायतें जेसे मिल्ला पंचायत, दिगवा पंचायत,कोटि ऊतरुऊ पंचायत, हल्लाह पंचायत कुनहनट पंचायत इत्यादि अनेकों पंचायतों का केन्द्र बिन्दु चानपुरधार धार्मिक पर्यटक स्थल है। चानपुरधार की पहचान प्रदेश स्तर के पर्यटक स्थल के रूप में बढ़ती जा रही है आज जरुरत है तो प्रशासन और सरकार से कि वहां पर पर्यटक के स्तर पर अहम क़दम उठाए जाएं ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार ओर एक अनूठी पहचान बन पाए, यहां पर अधिकतर समय सफ़ेद चादर (बर्फ) से ये की पहाड़ियां शोभायमान रहती है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है और यहां का अनुकूल वातावरण नई उर्जा और उमगता प्रदान करतीं हैं। चानपुरधार में विराजमान देवदार के पेड़ ओर छोटी छोटी पहाड़ियां अपने आप में बहुत ही सुखद अनुभव प्रदान करतीं हैं आज के भौतिकवादी युग में ओर भागमभाग की जिंदगी में ऐसे सुन्दर व धार्मिक पर्यटक स्थल पर आकर पर्यटक अपने आप को सुकून भरी जिंदगी जीता है और बार बार यहां आने के लिए लालायित भी रहता है और जीवन की वास्तविकता भी है।

लेखक – ठाकुर हेमराज राणा , (सिरमौर)