भाजपा के गले की फांस बन कर रह गया जनजातीय क्षेत्र का मुद्दा

Himachal Pradesh शिलाई

सिरमौर न्यूज़ – शिलाई

गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने का मुद्दा शिमला संस्दीय क्षेत्र के प्रत्याक्षी ओर भाजपा के लिए गले की फांस बन कर रह गया है। गिरिपार क्षेत्र के लोग गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के लिए पिछले छ:दशको से संघर्ष कर रहे है। केंद्र और प्रदेश में सरकारे कांग्रेस की रही हो या भाजपा की किसी भी राजनीतिक दल ने इसे गम्भीरता से नही लिया जिस कारण यह मूददा आज तक सिरे नही चढ़ पाया है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्र के भाजपा नेताओं ने जिले में कई जनसभाओ में छाती ठोक कर कहा था कि शिमला संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याक्षी को जिताने पर तथा केंद्र में उनकी सरकार बनते ही इस क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित कर दिया जाएगा। यहां तक कि भाजपा से जीते सांसद वीरेंद्र कश्यप चुनाव जीतने के बाद कहते रहे कि जब तक गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय घोषित नही करवाया तब तक गिरिपार क्षेत्र में पावँ नही रखूंगा। क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करवाने के लिए हाटी समिति के पदाधिकारी प्रदेश व केंद्र सरकार से भी मिले लेकिन आश्वासन के अतिरिक्त कुछ भी हाथ नही आया। हाटी समिति के लोग केंद्र सरकार व जनजातीय मामलों के मंत्री,केंद्रीय गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के समक्ष भी इस मुद्दे को रखा लेकिन जिला सिरमौर की 127 ग्राम पंचायतों को इसका लाभ नही मिल पाया अब चुनाव आचार सहिंता लगने के बाद एक बार फिर जनजातीय क्षेत्र का मुद्दा फिर लटक गया है। इस बार लोक सभा चुनाव में भाजपा को यह मुद्दा कहीं न कहीं जरूर परेशान कर सकता है क्यूंकि गिरिपार क्षेत्र के लोगो को केंद्र व् प्रदेश की भाजपा सरकार से काफी उम्मीदें थी। गिरिपार क्षेत्र के अधिकतर हाटी हताश है और कुछ समय पहले उन्होंने मतदान न करने की चेतावनी भी दी थी।