दुनिया को मिला मलेरिया का पहला टीका, डब्ल्यूएचओ ने दी मंजूरी

Health Himachal Pradesh SHIMLA (शिमला) स्वछता

सिरमौर न्यूज़

दुनिया भर में शुरू होगा टीके का उपयोग

आखिरकार दुनिया को मलेरिया का पहला टीका मिल गया। मलेरिया का टीका आरटीएस, एस/एएस01 नाम से आया है। इस टिके को डब्ल्यूएचओ से मंजूरी मिल गई है। इस टीके की शुरुआत मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित अफ्रीकी देशों में होगी।

मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों के लिए यह वैक्सीन एक बड़ी उम्मीद लेकर आई है। दशकों के लंबे रिसर्च के बाद मिले इस टीके का दुनियां भर में उपयोग होगा। मलेरिया के टीके के बाद अब डब्ल्यूएचओ का फोकस मलेरिया वैक्सीन बनाने के लिए फंडिंग के इंतजामों पर कर रहा है। ताकि यह टीका हर जरूरतमंद देश तक पहुंच सके। हालांकि संबंधित देशों की सरकारें तय करेंगी कि वे मलेरिया को कंट्रोल करने के उपायों में वैक्सीन को शामिल करती हैं या नहीं।

फिलहाल डब्ल्यूएचओ ने अफ्रीकी देशों के बच्चों को दो साल की उम्र तक मलेरिया वैक्सीन के 4 डोज देने की सिफारिश की है। मलेरिया की वैक्सीन आरटीएस, एस/एएस01 का इस्तेमाल 2019 में घाना, केन्या और मालावी में पायलट प्रोग्राम के तौर पर शुरू किया गया था। इसके तरह 23 लाख बच्चों को वैक्सीन दी गई थी। यहां सफल नतीजों के बाद डब्ल्यूएचओ ने अब वैक्सीन को मंजूरी दी है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार मलेरिया की वजह से दुनियाभर में हर साल 4.09 लाख मौतें होती हैं। इनमें ज्यादातर अफ्रीकी देशों के बच्चे होते हैं। भारत में 2019 में मलेरिया के 3 लाख 38 हजार 494 केस आए थे और 77 लोगों की मौत हुई थी। पिछले 5 सालों में भारत में मलेरिया से सबसे ज्यादा 384 मौतें 2015 में हुई थीं। इसके बाद से मौतों का आंकड़ा लगातार कम हुआ है।