किरनेश जंग को हराने में यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष मनीष ठाकुर का हाथ–वीरभद्र सिंह

Congress Himachal Pradesh

सिरमौर न्यूज़ / शिमला

विधानसभा चुनाव 2017 में पांवटा साहिब से कांग्रेस प्रत्याशी व् पूर्व विधायक चौधरी किरनेश जंग के हारने के कारण अब उजागर होने लगे है।
किरनेश जंग चौधरी की नाव बीचधार डुबाने में पार्टी के ही कुछ नेताओं की मिलीभगत रही जिसमे वर्तमान हिमाचल यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष मनीष ठाकुर का नाम भी शामिल है।
यह हम अपनी तरफ से इलज़ाम नहीं लगा रहे है बल्कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह ने इस बात को जगजाहिर किया है। शिमला में पत्रकारों से मुखातिव होते हुए राजा वीरभद्र सिंह ने इस बात का खुलासा किया है।

गौरतलब है की मनीष ठाकुर ने पांवटा साहिब में कांग्रेस की आपसी गुटबाज़ी को देखते हुए यहाँ अपनी गतिविधियां शुरू कर दी थी , लेकिन टिकट न मिलने के बाद से मनीष ठाकुर ने कांग्रेस प्रत्याशी किरनेश जंग के समर्थन में मैदान में उतरने से कन्नी काट ली। सूत्र बताते है की अंदरखाते मनीष ठाकुर ने बीजेपी प्रत्याशी से सांठगांठ कर अपने समर्थकों के वोट बीजेपी के पक्ष के डलवाए , इतना ही नहीं किरनेश जंग से द्वेष रखने वाले कुछ छोटे बड़े नेता भी बीजेपी प्रत्याशी से मिलकर किरनेश जंग की हराने की साजिश में जुट गए थे। नतीजा यह रहा की किरनेश जंग चौधरी को बीजेपी प्रत्याशी से भारी मतों से हारना पडा।

राजनेतिक विशेषग्य बताते है की चौधरी किरनेश जंग का वोट बैंक घटा नही है बल्कि इस बार पहले से बढ़ा है। चुनाव के दौरान जितनी संख्या में किरनेश जंग को जितने वोट मिले है वो उनके ऐसे समर्थक थे जो जंग के साथ दिलोजान से जुड़े है ,इससे किरनेश जंग का कद घटा नहीं है क्यूंकि किरनेश जंग की यह अपनी हार नहीं है बल्कि पांवटा साहिब में उन कांग्रेसियों की हार है जो गद्दारी पर उतर आये। हाल ही पांवटा साहिब में यूथ कांग्रेस के एक बड़े कार्यक्रम में भीड़ जुटाना भी मनीष ठाकुर की टीम के लिए बड़ी चुनोती रहा। भीड़ जुटाने के लिए गरीब तबके के लोगो को प्रलोभन देकर आयोजन स्थल में लाया गया , जिसमे पांवटा कांग्रेस के यूथ कार्यकर्ताओं की संख्या ज्यादा नहीं थी। हालाँकि मनीष ठाकुर ने इस दौरान दिखावे के लिए किरनेश जंग को टोपी पहना पर सम्मानित किया , जबकि जो टोपी मनीष ठाकुर ने चुनाव के दौरान फिराइ वो आज जग जाहिर हो रही है।
बता दें की पांवटा साहिब में बीजेपी के प्रत्याशी को कड़ी टक्कर देने वाले सिर्फ चौधरी किरनेश जंग ही है , इस बार चुनाव शिकस्त के बाद भी चौधरी किरनेश जंग का रुतबा कम नहीं हुआ है और न ही उनके चाहने वालो की संख्या में कमी आयी है , इतना जरूर है की चंद मौकापरस्त लोग साथ छोड़ कर अपना भविष्य तलाशने के लिए दायें बाएं छिटक गए है।