उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित की गई मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना की बैठक

Government Himachal Pradesh Nahan SIRMOUR (सिरमौर)

नाहन 02 अगस्त – उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम ने कहा कि स्वस्थ बच्चे के लिए गर्भवती महिला को सही पोषण की जानकारी उपलब्ध करवाना बेहद जरूरी है ताकि जन्म के समय कम वजन वाले बच्चे पैदा (लो बर्थ वेट) होने के मामलों को कम किया जा सके।
उपायुक्त आयोजित मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना के तहत गठित जिला स्तरीय सुपोषण टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बच्चों में कुपोषण एक बहुत गंभीर मामला है जो उनके शारीरिक, मस्तिष्क के विकास और अन्य विकास को प्रभावित करता है। जन्म के समय अगर नवजात शिशु का वजन 2.5 किलोग्राम से कम है तो ऐसी स्थिति को लो बर्थ वेट या जन्म के समय कम वजन के तौर पर देखा जाता है। उन्होंने कहा कि इसी दिशा में मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना को लागू किया गया है जिसके तहत सप्त स्तंभ पर कार्य करते हुए बच्चों की पोषण की जरूरत को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं को वीडियो के माध्यम से सही पोषण लेने के लिए जागरूक किया जाएगा ताकि उनके बच्चे का वजन सामान्य हो और वह कुपोषण से दूर रहें।
बैठक में बताया गया कि बच्चों में डायरिया और निमोनिया का समय रहते पता लगाना बेहद जरूरी है जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ओआरएस के पैकेट व जिंक की गोलियां सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से घर-घर उपलब्ध करवा दी गई हैं। उपायुक्त ने मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में सर्वे करवाकर शाकाहारी व मांसाहारी बच्चों की सूची तैयार के निर्देश दिए ताकि मांसाहारी बच्चों को अंडे तथा शाकाहारी को साबूदाने के पकोड़े, चौलाई की खीर आदि देकर उनके पोषण स्तर को सुधारा जा सके। इसके लिए स्वयं सहायता समूह के माध्यम से शक्कर, दूध, चुलाई आदि की व्यवस्था करवाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, सीएसआईआर पालमपुर से भी संपर्क कर उनके पोषण संबंधी उत्पादों को जिला के आंगनबाड़ी केन्द्रों में उपलब्ध करवाने के लिए एमओयू साईन करने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि बच्चों में खून की कमी को दूर करने के लिए स्कूलों में प्रत्येक बुधवार को आयरन की गोलियां और छह महीने में एक बार कृमिनाशक गोली को दी जाती है। उन्होंने एनीमिया मुक्त हिमाचल प्रदेश अभियान के तहत शिक्षा विभाग को सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में खून की कमी से जूझ रहे बच्चों की सूची तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए ताकि उनके स्वास्थ्य सुधार के लिए विभिन्न कदम उठाए जा सकें। इसके अतिरिक्त, सीडीपीओ द्वारा 6 माह से लेकर 10 वर्ष आयु के बच्चों की सूची तैयार कर संबंधित खण्ड चिकित्सा अधिकारी को दी जाएगी ताकि उनके स्वास्थ्य की नियमित जांच की जा सके और उन्हें उचित पोषण उपलब्ध करवाया जा सके।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर मनेश कुमार यादव, डीपीओ आईसीडीएस सुनील शर्मा, प्रधानाचार्य डॉ यशवंत सिंह परमार राजकीय मेडिकल कॉलेज नाहन डाॅ श्याम कौशिक, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ विनोद सांगल, उप निदेशक उच्च शिक्षा करमचंद सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।