हिमाचल की सुक्खू सरकार ने बिजली बोर्ड के 81 ऑउटसोर्स चालकों को नौकरी से निकाला..दिवाली से पहले इन चालकों को झटका

Himachal Pradesh SHIMLA (शिमला)

सिरमौर न्यूज/ शिमला

हिमाचल प्रदेश में नौकरी और रोजगार देने के मुद्दे पर घिरी सुक्खू सरकार ने बिजली बोर्ड में ऑउटसोर्स पर तैनात 81 चालकों को नौकरी से निकाल दिया हैं। राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन को 1 नवंबर से चालकों की सेवाएं नहीं लेने का बोर्ड प्रबंधन को पत्र भेज दिया है। ऐसे में अब इस मामले में बिजली बोर्ड के कर्मचारी आंदोलन कर सकते हैं। इससे पहले सुक्खू सरकार ने बिजली बोर्ड में एक्सईएन, एसडीओ सहित बड़े अधिकारियों के 51 पद खत्म कर दिए थे। ऐसे में अब दिवाली से पहले इन चालकों को झटका लगा है और इनकी नौकरी चली जाएगी। सरकार की तरफ से जारी लेटर में बोर्ड की कार्यकारी निदेशक कार्मिक ईशा की ओर से कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक को कहा गया है कि सोलन, शिमला, सिरमौर के 12, कांगड़ा-डलहौजी में 22, मंडी कुल्लू में 17, हमीरपुर-ऊना- बिलासपुर में 16, भावानगर में 10 और दो कार्यालयों में कार्यरत चार चालकों की अब बोर्ड को आवश्यकता नहीं है और ऐसे में इन सरप्लस चालकों का 1 नवंबर से बोर्ड की ओर से वेतन नहीं दिया जाएगा।

उधर, इस मामले पर अब बिजली बोर्ड के इंजीनियरों और कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात भी की। हालांकि, बात नहीं बन पाई। इसके बाद इंजीनियरों और कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा ने वर्क टू रूल के तहत सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक ही सेवाएं देने का निर्णय लिया। शाम को 6 बजे से सुबह 9 बजे तक विरोध स्वरूप काम नहीं करने का फैसला लिया है। बता दें कि कि इससे पहले, सुक्खू सरकार ने बोर्ड के 51 पदों को भी खत्म कर दिया था, जिसका भी बिजली बोर्ड ने विरोध जताया था। अहम बात है कि बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को अब तक ओल्ड पेंशन भी नहीं मिली है और इस मामले पर भी कर्मचारी प्रदर्शन कर चुके हैं उधर, 15 वर्ष से ज्यादा पुराने वाहनों का अब उपयोग नहीं करने का भी बोर्ड ने यह फैसला लिया है. ऐसे में यह वाहन अब स्क्रैप में जाएंगे। कुल 80 से ज्यादा गाड़ियों को स्क्रैप में डाला जाएगा।