समाजसेवी यशपाल कपूर का चयन एकता राष्ट्रीय यूथ अवार्ड-2024 के लिए…

Himachal Pradesh Local News SIRMOUR (सिरमौर)

देश के 25 लोगों का हुआ इस अवार्ड के लिए चयन..

सिरमौर न्यूज़/सोलन

हिमाचल प्रदेश में पत्रकारिता के साथ साथ समाजसेवा में अपना अलग मुकाम बनाने वाले समाजसेवी यशपाल कपूर का चयन एकता राष्ट्रीय यूथ अवार्ड-2024 के लिए हुआ है। एकता परिषद बनपुर, उड़ीसा ने इसका चयन किया है। एकता परिषद ने सम्मानित होने वाले 25 लोगों की सूची जारी की है, जिसमें यशपाल कपूर को दूसरे स्थान पर रखा गया है। इसमें हिमाचल के एकमात्र समाजसेवी यशपाल कपूर भी शामिल है। उन्हें यह पुरस्कार शांति और सद्भावना के लिए दिया जा रहा है। कपूर पिछले एक दशक से हिमाचल प्रदेश में नेशनल यूथ प्रोजेक्ट (एनवाईपी) समेत दो दर्जन सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हैं। युवाओं को राष्ट्रीय एकता से जोडऩे की दिशा में लगातार कार्यरत रहते हैं। साथ ही स्कूलों व कॉलेज में एनएसएस छात्रों को समाजसेवा, राष्ट्रीय एकता के साथ मीडिया लिट्रेसी के बारे में भी समय-समय पर जागरूक करते हैं। स्वयं रक्तदान करते हैं और युवाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं। वह अब तक 45 बार रक्तदान करते हैं। साल में दो बार वह आवश्य रक्तदान करते हैं।

एकता परिषद ट्रस्ट बनपुर, उड़ीसा में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल ट्राइबल कल्चरल यूथ फेस्टीवल-2024 के दौरान 9 जून को यह पुरस्कार मिलेगा। इसी दिन ट्रस्ट का 20 स्थापना दिवस भी है। इस मौके पर यशपाल कपूर को शांति एवं सद्भावना के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा। इसके लिए वह आज सोलन से रवाना हो गए।
सोलन के न्यू कथेड़ निवासी यशपाल कपूर का जन्म 5 अक्टूबर 1973 को सिरमौर जिला की पच्छाद तहसील की बजगा पंचायत के छोटे से गांव शामपुर में पिता सूबेदार जीत सिंह व माता विद्या देवी के घर हुआ। बता दें कि यशपाल कपूर सिरमौर कि उस पंचायत से संबंध रखते हैं, जहां से शिमला लोक सभा के सांसद सुरेश कश्यप का संबंध है । प्रारंभिक शिक्षा सीनियर सेकंडरी स्कूल गागल-शिकोर में हुई। सीनियर सेकंडरी स्कूल सराहां से जमा दो की परीक्षा उत्तीर्ण की। उच्च शिक्षा के लिए डिग्री कॉलेज नाहन, हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला व भारतीय विद्या भवन मुंबई से ली है। यशपाल कपूर पिछले अढ़ाई दशक से लेखन व सक्रिय पत्रकारिता से जुड़े रहे। कहानी, कविता के अलावा कई शोधात्मक लेख लिख चुके हैं। उनके लेख पत्र-पत्रिकाओं में छपते हैं। देशभर में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय एकता शिविरों में हिमाचल प्रदेश के करीब एक हजार युवा उनके नेतृत्व में जा चुके हैं। यह युवा समाज में राष्ट्रीय एकता,शांति, सद्भावना व अपनी समृद्ध संस्कृति के संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसे देखते हुए उनका चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है।