सिरमौर न्यूज़/राजगढ़
संत निरंकारी सत्संग भवन राजगढ़ में चंडीगढ़ जोंन से आए महात्मा अरुण मल्होत्रा के नेतृत्व में सत्संग का आयोजन किया गया। इस मोके पर उन्होंने प्रवचन करते हुए कहा कि प्रेम व भक्ति अगर इंसान की जिंदगी में आ जाए तो इंसान का जीवन रोशनमय हो जाता है। सतगुरु द्वारा दी गई ज्ञान की रोशनी से इंसान का जीवन रोशन हो जाता है। जब गुरसिख ज्ञान को अपने जीवन में धारण करता है तो प्यार, विनम्रता व सहनशीलता तथा अन्य दैवी गुण जीवन में आने शुरू हो जाते है। उन्होंने कहा कि संतो महापुरुषों के संदेश गुरसिख की भलाई के लिए होते है। उन्होंने गुरसिख के जीवन पर चर्चा करते हुए कहा कि गुरसिख का जीवन कहनी व करनी में एकसार होता है। उन्होंने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के संदेशों का जिक्र करते हुए कहा कि गुरसिख का जीवन ऐसा होना चाहिए कि वह मिशन की पहचान बने। सेवा,सिमरन व सत्संग को अपने जीवन का महत्वपूर्ण अंग मानते हुए इसको जीवन में अपनाना है। ब्रह्मज्ञान को जितना हम अपने जीवन में अपनाते है जीवन उतना ही सरल व आनंददायक होता चला जाता है। इस असवर पर राजगढ़ संगत के संचालक गनपत राम ,शिक्षक रंजित सिंह ,नरेश धवन ,राजकुमार सूद ,आशु तोमर ,सुदीप ,शगुन सहित अन्य श्रदालु भी उपस्थित थे।