सिरमौर न्यूज/शिलाई
देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिकों की स्मृति में शहीद स्मारक का निर्माण न होना, आज भी शिलाई क्षेत्र की एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। दशकों से स्थानीय जनता, समाजसेवी संगठनों तथा शहीद परिवारों द्वारा निरंतर मांग उठाई जा रही है कि शिलाई क्षेत्र में एक भव्य शहीद स्मारक का निर्माण हो, परन्तु आज तक प्रशासन और सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। गौरतलब है कि शिलाई विधानसभा क्षेत्र से अब तक सात सैनिकों ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है, जिनमें शहीद कल्याण सिंह, शहीद प्रमोद सिंह, शहीद श्याम सिंह, शहीद भरत सिंह, शहीद अनिल कुमार, शहीद टीका राम और शहीद बलवीर सिंह शामिल हैं। इनमें से शहीद कल्याण सिंह के नाम पर एक संस्थान अवश्य है, किंतु अन्य शहीदों के सम्मान में न कोई शहीद स्मारक और न ही किसी संस्थान का नामकरण किया गया है। वर्ष 2013 में शहीद हुए श्याम सिंह, जो 9 पैरा यूनिट में सेवारत थे और राष्ट्रीय स्तर के कबड्डी खिलाड़ी भी रहे, के परिवार ने अपने निजी खर्च पर अपने गांव बादली में शहीद स्मारक का निर्माण करवाया। यह दर्शाता है कि सरकारी स्तर पर स्मारक निर्माण की कमी को शहीद परिवारों ने स्वयं भरने का प्रयास किया है।

सबसे ताजगीभरा मामला शहीद प्रमोद नेगी का है, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए 2023 में वीरगति प्राप्त की। उनका जन्म भी 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के दिन हुआ था। उनकी शहादत को भी दो वर्ष बीत जाने के बाद भी शिलाई क्षेत्र में उनके नाम पर कोई संस्थान अथवा स्मारक नहीं बन पाया है। स्थानीय विधायक तथा उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री ठाकुर हर्षवर्धन चौहान तथा पूर्व विधायक बलदेव सिंह तोमर से क्षेत्रवासियों ने राजनीति से ऊपर उठकर इस दिशा में शीघ्र ठोस कदम उठाने का निवेदन ग्रामीणों ने किया है। साथ ही, मुख्यमंत्री से भी अपेक्षा जताई गई है कि वे केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय से इस विषय में विशेष आग्रह करें ताकि क्षेत्र में एक सामूहिक शहीद स्मारक का निर्माण संभव हो सके।समाजसेवी, शिक्षाविदों, युवाओं और पूर्व सैनिकों सहित सैकड़ों नागरिकों ने एक बार फिर से यह मांग जोरदार तरीके से उठाई है। इनमें प्रमुख रूप से अधिवक्ता सुरेन्द्र हिन्दुस्तानी, जेलदार प्रताप सिंह तोमर, जगत तोमर, व्यवसायी इन्द्र तोमर, जय ठाकुर, पूर्व सैनिक हितेंद्र नेगी, शिक्षाविद तपेन्द्र नेगी, सामाजिक कार्यकर्ता ठाकुर हेमराज राणा, युवा नेता राहुल चौहान, प्रो. अमर सिंह चौहान आदि शामिल हैं। जनता का कहना है कि शहीद स्मारकों के निर्माण से युवा पीढ़ी को न केवल प्रेरणा मिलेगी, बल्कि यह बहादुर सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी।
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