भारतीय मानक महोत्सव में खुली विभाग की पोल – ऐसे लगता है सरकार को पलीता

Himachal Pradesh

सिरमौर न्यूज़ – अधिकारी सरकार को किस तरीके से पलीता लगाते है इसका जिवंत उदहारण “मानक महोत्सव कार्यक्रम” के दौरान देखने को मिला। कार्यक्रमों के नाम पर सरकारी खजाने से भारी भरकम पैसा लुटा देने में अधिकारी जरा सा भी परहेज नहीं करते यह भी साक्षात रूपेण देखने को मिला।
दरअसल भारतीय मानक व्यूरो शाखा देहरादून ने होटल पाल रॉयल रिसोर्ट में “एक बेहतर दुनिया के लिए साझा दृष्टिकोण” विषय पर मानक महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में विधायक सुखराम चौधरी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। तय समय के अनुसार कार्यक्रम शुरू हुआ लेकिन व्यवसाई और व्यापारी वर्ग ज्यादा संख्या में कार्यक्रम में नहीं पहुंचे लेकिन विभाग की गणना के अनुसार स्कूली बच्चो की संख्या सहित करीब 150 लोगो ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस आयोजन के लिए करीब 2 लाख तक की राशि का भुक्तान सरकारी खजाने से रिसोर्ट को किया जाना है। जिसके हिसाब से प्रति व्यक्ति पर करीब 1300/- रूपए खर्च हुआ और सरकारी मशीनरी सहित प्रिंटिंग ,पब्लिसिटी, सम्मान सामग्री आदि पर भी भारी भरकम खर्चा इसके अतिरिक्त हुआ होगा।
लेकिन बिडंबना की बात है की अधिकतर बच्चो और लोगो को तीन घंटे तक पीने का पानी तक नसीब नहीं हुआ। हालाँकि कार्यक्रम की पहली पंक्ति पर बैठे गणमान्य लोग भी बिना भोजन किए चले गए। अव्यवस्था का आलम देखते हुए मीडिया कर्मी भी कार्यक्रम छोड़ कर चले गए। अव्यवस्था का आलम यह था की भयंकरगर्मी में बार बार पानी मांगने पर पानी की उपलव्धता नही थी। सिर्फ जो अतिथि पहली सफ़ मेे आकर बैठे थे होटल पाल रॉयल रिसोर्ट के कर्मचारी सिर्फ उनकी मक्खनबाजी में ही लगे रहे। आज के इस आयोजन को दो लाख रूपये मे बुक किया गया जिसमें सौ से अधिक लोगो को भोजन भी करवाना था किंतु ऐसा नही हुआ। सर्व प्रथम जो एक प्लेट मय आयोजन स्थल दो हजार की बुक की गयी वह अन्य होटलो में तीन सौ से पांच सौ रूपये की देने को तैयार है और कैटरिंग वालो का भी यही रेट है। इस प्रकार अधिकारियो ने केन्द्रीय सरकार के मोटे रूपये का चूना लगा दिया।
इस बारे में जब विभाग के मनीष से बातचीत की गयी तो उन्होने सभी आरोपो को नकारा। हालाँकि उन्होंने बार बार पूछे जाने पर भी अपने निदेशक का मोबाइल नंबर भी उपलब्ध नहीं करवाया क्यूंकि इस पूरे मामले को लेकर विस्तृत जानकारी निदेशक से प्राप्त होनी थी।