पांवटा साहिब में 16 नवम्बर को आयोजित होगी भव्य श्री जगन्नाथ रथ यात्रा

Himachal Pradesh SIRMOUR (सिरमौर)

सिरमौर न्यूज़/पांवटा साहिब

हर वर्ष की भांति इस बार भी पांवटा साहिब में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा का भब्य आयोजन किया जाएगा। रथ यात्रा का आयोजन श्री जगन्नाथ सेवा ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। जिसमे क्षेत्र के विभिन्न हिन्दू संगठनों का भी सहयोग रहेगा। रथ यात्रा 16 नवम्बर को आयोजित होगी। रथ यात्रा ऋषिकेश मधुवन आश्रम से स्वामी श्री परमानंद दास जी महाराज और श्री राधा गोविंद जी महाराज की अगवाई में आयोजित होगी।

ट्रस्ट के सदस्य और पांवटा साहिब की धार्मिक संस्थान रथ यात्रा की तैयारी को अंतिम रूप देने में लगे हैं। धार्मिक संस्थाओं के सदस्य रथ यात्रा में शामिल होने के लिए गांव गांव जाकर लोगों को निमंत्रण दे रहे हैं। श्री जगन्नाथ सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष हरविंदर कुमार अरोड़ा ने बताया की 16 नवंबर को पांवटा में जगन्नाथ यात्रा निकाली जाएगी। जिसको लेकर सदस्यों द्वारा पहला निमंत्रण स्वामी परमानंद दास जी महाराज और श्री राधा गोविंद जी महाराज को दिया गया।

हरविंदर कुमार ने बताया कि इस बार भी श्री जगन्नाथ रथ यात्रा बड़े धूम धाम से निकाली जा रही है। उन्होंने कहा कि भगवान के दिब्य रथ को तैयार कर रथ की विधिवत पूजा भी कर ली गई है। उन्होंने जानकारी दी कि 16 नवंबर को होने वाली रथ यात्रा को लेकर फाइनल बैठक कर यात्रा की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। 16 नवंबर को रथ यात्रा बद्रीपुर शिव मंदिर से शुरू हो कर वाईपॉइंट व मेन बाजार से होते हुए विश्वकर्मा मंदिर में समाप्त होगी। यहां आगन्तुकों और श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे का भी आयोजन होगा। उन्होंने बताया की इस यात्रा में हिन्दू संगठनों के लोगो के इलवा अन्य संघटनो का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है।

श्री जगरनाथ सेवा ट्रस्ट अध्यक्ष हरविंदर कुमार,  उपाध्यक्ष संतराम शर्मा, सचिव नीरज उदवाणी, कोषाध्यक्ष संजय खंडूजा, अशोक शर्मा, वेद शर्मा, सुशील मित्तल, डॉ. सूरज, कमल वर्मा और संदीप खुराना आदि ने क्षेत्र के लोगों से आवाहन किया कि रथ यात्रा में पहुंचकर पुण्य के भागीदार बने। आयोजिकों ने बताया कि भगवान श्री जगन्नाथ जी का रथ खींचने से व्यक्ति के दुर्भाग्य का अंत होकर सौभाग्य का सृजन होता है। रथ यात्रा में शामिल होने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को सद्गति को प्राप्त होती है। उन्होंने क्षेत्र की जनता से आवाहन किया कि रथ यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर भगवान श्री जगन्नाथ का शुभाशीष प्राप्त करें और स्वयं पुण्य के भागीदार बनें।