सिरमौर न्यूज़ / पांवटा साहिब
पांवटा के पूर्व एसडीएम व् कार्यकारी अधिकारी एचएस राणा को एक दिन का पुलिस रिमांड मिलने के बाद से नगर परिषद् के पदाधिकारी व् कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। पांवटा साहिब का कथित गटका घोटाला भी राणा के कार्यकाल के दौरान का ही बताया जा रहा है। आरटीआई द्वारा ली गई सूचना के अनुसार पांवटा साहिब के ऐसे वार्डों में भी बरसात के दौरान गटका गिरा दर्शाया गया है जहाँ पर गलियां पक्की थी। ऐसे बिल भी इन्ही के कार्यकाल के दौरान पास किये गए है। जिसकी शिकायत कई बार की जा चुकी है लेकिन अभी तक कोई संतोष जनक कार्रवाई नहीं की गई।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर परिषद् में कार्यकारी अधिकारी का अतिरिक्त पदभार सँभालने वाले एचएस राणा ने जाने से पहले करोडो के बिल पास किये है जिसकी फाइल अब खुल सकती है। सूचना यह भी है की जो लोग नगर परिषद में होने वाले घोटालों के लेकर लम्बे अरसे से आरटीआई से ली गई सूचनाएं एकत्र किये हुए थे अब वे लोग भी विजिलेंस से संपर्क साधने के जुगाड़ में लगे हुए है ताकि नगर परिषद में किये गए विभिन्न गड़बड़झाले का भी पर्दाफाश हो सके।
बताते चलें की एक लाख रुपये के रिश्वत कांड में गिरफ्तार पांवटा के पूर्व एसडीएम व दो अन्य आरोपियों को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। तीनो को गुरुवार को हमीरपुर कोर्ट में पेश किया गया। तीन दिन तक कडी मशक्कत के बाद इन तीनों आरोपियों को विजिलेंस टीम द्वारा पक़ड़ा गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पांवटा साहिब में एसडीएम रहे चुके एचएस राणा ने बैक डेट में स्टोन क्रैशर को एनओसी देने की फाइल पर साइन के लिए एक लाख रुपये की मांग की थी. विजीलेंस डीएसपी बीडी भाटिया के नेतृत्व में रिश्वत मामले में विजिलेंस टीम ने राणा को चंडीगढ़ और पांवटा साहिब के बद्रीपुर से दोनों दलालों को गिरफ्तार किया था. पावंटा साहिब में एक स्टोन क्रैशर लगाने की एनओसी देने के एवज में क्रैशर मालिक से एक लाख रुपए मांगे गए थे।
राणा वर्ष 2015 से 2018 तक पांवटा साहिब एसडीएम के पद पर तैनात रहे साथ ही उनके पास नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी का अतिरिक्त भार भी था , उसके बाद मंडी के धर्मपुर में इन्हें एसडीएम लगाया गया. 18 नवंबर 2018 को राणा तैनाती हमीरपुर स्थित एचपीटीयू में हुई ,जहाँ इनके पास मेडिकल कालेज हमीरपुर में एडिशनल डायरेक्टर एडमिन की जिम्मेदारी भी है.