सिरमौर न्यूज़ / नाहन
दलित नेता केदार सिंह जिंदान को आखिर न्याय मिला। केदार सिंह की हत्या के दो आरोपियों को नाहन की विशेष अदालत ने हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जबकि एक को 3 साल के कठोर कारावास की सजा हुई है।
नाहन के विशेष जिला अदालत के न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने केदार सिंह जिंदान की हत्या के दोषियों को सजा सुनाई है।
जिला न्यायवादी बीएन शांडिल ने इस सम्बंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केदार सिंह जिन्दान की मौत के दोषी जयप्रकाश को आईपीसी 302 और एससी एसटी एक्ट के तहत आजीवन कारावास के साथ एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। धारा 201 के तहत 5 वर्ष का कारावास तथा 25000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
बीएन शांडिल बताया कि हत्या के दूसरे आरोपी गोपाल सिंह को आईपीसी धारा 302 तथा एससी एसटी एक्ट के तहत आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जबकि धारा 201 के तहत 5 वर्ष का कारावास तथा 25000 रुपए जुर्माना भुगतना होगा। जुर्माना अदा न करने की दशा में दोनों आरोपियों को 1 साल और कारावास भुगतना होगा।
तीसरे आरोपी कर्म सिंह को आईपीसी धारा 323 के तहत 1 वर्ष का कठोर कारावास तथा 1000 जुर्माने की सजा सुनाई गई है। धारा 325 के तहत 3 वर्ष का कारावास तथा 5000 रुपए जुर्माने की सजा होगी।
जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी बीएन शांडिल ने बताया कि 7 सितंबर 2018 की घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस दिन जब मृतक केदार सिंह जिंदान, रघुवीर सिंह व जगदीश चंद्र बीआरसीसी ऑफिस शिलाई से बाहर निकले, तो आरोपी तीनों दफ्तर के बाहर खड़े हुए बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान आरोपी तत्कालीन उपप्रधान ग्राम पंचायत बकरास जयप्रकाश, कर्म सिंह व गोपाल सड़क के नीचे खड़े थे। इससे पहले उन्होंने नैन सिंह सीएसटी जब मीटिंग में बीपीओ कार्यालय जा रहा था। तो उस समय सड़क पर आरोपी गण जयप्रकाश, कर्म सिंह व गोपाल गाड़ी नंबर एचपी 85 -7300 से सड़क पर उतर कर नैन सिंह से मिले, उन्होंने नैन सिंह से हाथ मिलाया और कहा कि अपने बेटे को केदार सिंह जिंदान के साथ क्यों भेजा है।
इसी दौरान करीब 12:15 बजे केदार सिंह, रघुवीर सिंह व जगदीश बीआरसीसी कार्यालय से बाहर निकले। तो सड़क पर मौजूद आरोपी जयप्रकाश ने केदार सिंह जिंदान को अपने पास आने के लिए आवाज लगाई। केदार सिंह जिंदान सड़क से नीचे आ गया। जबकि रघुवीर तथा जगदीश बीआरसीसी कार्यालय के बाहर खड़े रहे तथा नीचे सड़क पर आरोपी जयप्रकाश ने स्कॉर्पियो गाड़ी एचपी 85 – 7300 जो वहां पहले से खड़ी थी। जैसे ही मृतक केदार सिंह जिंदान गाड़ी के पास पहुंचा, तो आरोपी व केदार सिंह में किसी बात को लेकर बहस हो गई।
इसी दौरान तीनों आरोपी जयप्रकाश, गोपाल व कर्म सिंह ने स्कॉर्पियो से डंडे निकालकर केदार सिंह के साथ मारपीट शुरू कर दी। इसी दौरान केदार सिंह सड़क पर गिर गया। जब उसने उठने की कोशिश की। तो जयप्रकाश ने लोहे की रोड से केदार सिंह के सिर पर चार पांच बार वार किया। फिर जयप्रकाश ने फिर अपनी गाड़ी स्टार्ट की, जबकि गोपाल ने मृतक केदार सिंह को गाड़ी के सामने सड़क पर रखा।
जयप्रकाश ने गाड़ी मृतक केदार सिंह के शरीर के ऊपर चढ़ा दी तथा फिर पीछे ले जाकर उसके शरीर के ऊपर से आगे ले जाकर गाड़ी उस चढ़ा दी। फिर जानबूझकर गाड़ी का बाई साइड के पिछले टायर का ब्रेक ऑयल पाइप तोड़ दिया। ताकि पुलिस को यह लगे कि यह हत्या नहीं, बल्कि सड़क दुर्घटना का मामला है। इसके बाद शिलाई पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर मामले में छानबीन की। जिसके बाद अदालत में चालान पेश किया गया।
अदालत में 44 गवाहों के बयान व साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को सजा सुनाई गई। इस मामले में उप जिला न्यायवादी एकलव्य तथा उप जिला न्यायवादी संजय पंडित ने भी जिला न्यायवादी बीएन शांडिल का मामले की पैरवी के दौरान सहयोग किया।