सिरमौर न्यूज़ डेस्क
विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने के एलान के बाद भी किसान दिल्ली एनसीआर बॉर्डर से हटने को तैयार नहीं है। किसान आंदोलन के अगुवा भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के ताजा ट्वीट से स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर, शाहजहांपुर, टीकरी, सिंघु और गाजीपुर पर आंदोलन रत किसान प्रदर्शनकारी फिलहाल हटने वाले नहीं है।
हालांकि किसान नेताओं और सरकार के बीच बॉर्डर खाली करने को लेकर कोई बात नहीं हुई है लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट करके स्थिति साफ कर दी है। राकेश टिकैत ने ट्वीट किया है कि देश में राजशाही नहीं है। टेलीविजन पर सिर्फ घोषणा करने से किसान घर वापस नहीं जाएगा, सरकार को किसानों से बात करनी पड़ेगी।

राकेश टिकैत ने किसानों की घर वापसी की शर्तें भी सोशल मीडिया पर सांझा की है। राकेश टिकैत ने मुख्य रूप से 6 मांगे रखी है। मांग की गई है कि केंद्र सरकार के प्रतिनिधि संयुक्त किसान मोर्चा से बात करे। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार सहमत हो। प्रदर्शनकारी किसानों और उनके नेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस हों। लखीपुरखीरी कांड के पीड़ितों को न्याय मिले और दोषियों पर कार्रवाई हो। बिजली बिल के मुद्दे पर सरकार बातचीत करे। पराली जलाने से जुड़े किसानों के मुद्दे का हल निकले।
शनिवार को राकेश टिकैत ने कहा कि आगे की रणनीति के लिए दोपहर बाद संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक सिंघु बार्डर पर होगी। टिकैत ने कहा कि सिर्फ तीनों कृषि कानून ही नहीं बल्कि एमएसपी, प्रदूषण और बिजली बिल जैसे मुद्दों पर भी सरकार से बात की जानी है। यह भी देखना है कि सरकार किसानों से बात करने आगे आती है या नहीं। सभी मुद्दों पर सहमति बनती है तो किसान बॉर्डर खाली कर घर वापसी करेंगे।