क्या पर्यावरण प्रेमी को मिल गया प्रदर्शन का मेहनताना

Himachal Pradesh SIRMOUR (सिरमौर) पॉवटा साहिब

सिरमौर न्यूज / पांवटा साहिब

पर्यावरण प्रेम का ढोंग रचने वाले लोगो को अब सब कुछ संतोषजनक नजर आने लगा है या फिर ये कहे की अब माइनिंग करने वाले लोग सुधर गए है जो नियम कानून को दरकिनार कर अवैध रूप से मलवा डंप करते आ रहे थे । दरसल सोशल मीडिया पर एक माफीनामा वायरल हो रहा है जिसमे विरोध करने वालो का माफीनामा नजर आ रहा है ।

आपको बता दें कि इस बात को ज्यादा समय नहीं हुआ जब बनौर खतवाड़ के लोगों ने एक मुहिम शुरू की थी कि बरसात के मौसम में जो नुक़सान हुआ वो जेसीटी माइन की वजह से हुआ है। उस वक्त कई लोगों ने कई पत्रकार वार्ताएँ की और कई सबूत भी सामने रखे उन्होंने अपने क्षतिग्रस्त मकानों के सबूत भी दिखाए।
इतना ही नहीं नाहन में भी वो लोग DC से मिले।
फिलहाल ख़ान पर्यावरण सरक्षण का 34वाँ ख़ान खनिज संरक्षण सप्ताह भी शुरू हो गया है। इसमें खनन क्षेत्र में तमाम चीज़ों को परखा जाता है।
आज इस माफ़ीनामा में लिखा गया है कि JST की माइन को सुचारु रूप से शुरू किया जाए क्योंकि किसी भी प्रकार का नुक़सान वहाँ प्रकृति के साथ नुकसान नहीं हो रहा है। एक ही सवाल है कब तक लोग पत्रकारों के कंधे पर रखकर बंदूक चलाएंगे।

अब बात करते है कि पर्यावरण एवं संरक्षण सप्ताह 22 दिसंबर तक मनाया जाएगा। हर बार यह सप्ताह मनाया जाता है लेकिन ये चाय पानी तक सीमित रहता है। और तमाम माइनिंग को क्लीन चिट दिया जाता है।
सवाल कई हैं लेकिन जवाब ढूंढना बहुत मुश्किल है। हमारा मक़सद सिर्फ़ ये बताना है कि स्थानीय लोगों को जो ब्लास्टिंग की और अवैध रूप से डम्पिंग की जानकारी उपलब्ध होती है वो इन अधिकारियों को क्यों पता नहीं हो पाती। जो पर्यावरण मित्र अपने आपको कहते हैं और कई सालों से पांवटा साहिब में रह रहे हैं वो आज हर माइनिंग को क्लीन चिट कैसे दे देते हैं।
जिन लोगो ने मीडिया के कंधो का इस्तेमाल किया आज वही लोग क्लीन चिट भी दे रहे है । चर्चाएं है की इन लोगो को जब माइनिंग से लाभ लेना होता है तभी वे पर्यावरण प्रेमी बन जाते है , मीडिया का दुरुपयोग करते है ।