सिरमौर न्यूज़ / उत्तराखंड
उत्तराखंड हाइकोर्ट ने चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या से रोक हटा दी है। उच्च न्यायालय ने यात्रियों की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान रोक हटाई।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब श्रद्धालु पहले की तरह बेरोकटोक चारधाम दर्शन के लिए जा सकेंगे।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया कि शासन को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराना होगा। सपष्ट हो गया है कि अब संख्या को लेकर कोई पाबंदी नहीं रहेगी। कोर्ट के आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि चारधाम यात्रा करने के लिए कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी थी, लेकिन वर्तमान समय मे प्रदेश में कोविड के केस ना के बराबर आ रहे हैं, इसलिए चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के आदेश में संशोधन किया जाए।
महाअधिवक्ता द्वारा कोर्ट के सम्मुख यह भी कहा कि धराधाम यात्रा समाप्त होने में 40 दिन से कम का समय बचा हुआ है, इसलिए जितने भी श्रद्धालू आ रहे हैं, सबको दर्शन करने की अनुमति दी जाए। सरकार की तरफ से यह भी कहा गया कि श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन करने हेतु रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, वह नहीं आ रहे हैं, जिसके कारण स्थानीय लोगों पर रोजी रोटी का खतरा उत्तपन्न हो रहा है।
सरकार के पक्ष की तरफ से कोर्ट कहा गया कि चारधाम यात्रा में सभी सुविधाओं को उपलब्ध करा दिया गया। सरकार ने मांग रखी थी कि चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या पर से रोक हटाई जाय या फिर श्रद्धालुओं की संख्या तीन से चार हजार प्रतिदिन किया जाय।
बताते चलें कि पूर्व में कोर्ट ने चारधाम यात्रा करने के लिए प्रत्येक दिन केदारनाथ धाम में 800, बद्रीनाथ धाम में 1000, गंगोत्रि में 600, यमनोत्री धाम में कुल 400 श्रद्धालुओ को जाने की अनुमति दी थी ।